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गाजीपुर: महिला शिक्षक नेता का अपने हक के लिए ससुराल की चौखट पर धऱना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर कहते हैं कि कोई दूसरे के हक और इंसाफ के लिए संघर्ष कर अंजाम तक पहुंच सकता है लेकिन जब खुद के वजूद पर बात आती है तब वह व्यक्ति लाचारी, विवशता महसूस करता है। कुछ ऐसा ही मामला टेट प्राथमिक शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष रमा त्रिपाठी के साथ हो रहा है। वह अपने हक के लिए शनिवार की शाम से चंदन नगर स्थित ससुराल की चौखट पर भाई संग धरने पर बैठ गई हैं। 

गौर करने की बात यह कि सब कुछ जानते हुए भी पुलिस अब तक मौके पर नहीं पहुंची है। उधर ससुराल के पुरुष सहित अन्य सदस्य घर छोड़ कर भाग गए हैं। अकेले सास घर में अंदर से दरवाजा बंद कर पड़ी है। रमा त्रिपाठी की शादी करीब एक साल पहले चंदन नगर में रहने वाले रमाकांत पांडेय के छोटे बेटे से हुई। वह भी परिषदीय विद्यालय में ही शिक्षक है। शादी का प्रस्ताव पांडेय परिवार की ओर से ही आया था। 

उन्हें कमासूत बहू जो मिल रही थी। बकायदा दान-दहेज के साथ शादी संपन्न हुई लेकिन शादी के बाद जब रमा त्रिपाठी ससुराल पहुंची तब ससुरालियों का चरित्र सामने आया। रमा त्रिपाठी के मुताबिक पति अमित पांडेय का पहले से ही अपनी कथित मौसेरी बहन से नाजायद संबंध था। वह उससे अपनी दूसरी शादी करने का दबाव बनाने लगा। रमा ने उसका विरोध किया तब उनके संग मारपीट शुरू हो गई। एक दिन बात कुछ ज्यादा ही बिगड़ गई तब रमा यूपी-100 को कॉल कीं। पुलिस ससुरालियों को लेकर शहर कोतवाली पहुंची। 

रमा की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया। उसके बाद रमा को ससुरालियों ने घर में रखने से साफ मना कर दिया। तब रमा पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा से मिलीं। पुलिस कप्तान ने शहर कोतवाल को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। बावजूद रमा को हक नहीं मिला। आखिर में आजिज आकर वह भाई के साथ ससुराल पहुंची। उन्हें देख ससुराल के अन्य सदस्य घर की चाहरदीवारी फांद कर भाग गए। 

अकेले सास को छोड़ दिए हैं। रात करीब पौने दस बजे समाचार लिखे जाने तक रमा त्रिपाठी मौके पर ही जमी थीं। रमा त्रिपाठी के साथ हो रहे इस सलूक से शिक्षक समुदाय भी आक्रोशित है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनंत सिंह ने कहा कि रमा त्रिपाठी न सिर्फ शिक्षक नेता हैं बल्कि वह एक महिला भी हैं और उनके साथ यह अत्याचार सरासर गलत है। 

इस मामले में पुलिस को तत्काल आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। जरूरत पड़ी तो शिक्षक भी उनका पूरा साथ देंगे। मालूम हो कि रमा त्रिपाठी जुझारू शिक्षक नेताओं में शुमार हैं। टेट शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर वह निर्णायक आंदोलन की थीं। उनके उस आंदोलन का ही परिणाम था कि कई टेट शिक्षकों को नौकरी का मौका मिला।  
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