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फैमिली पेंशन पर विवाहित बेटी का भी हक

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर पिता की मौत के बाद सरकार से मिलने वाली फैमिली पेंशन पर विवाहित बेटी का भी हक बनता है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है। न्यायाधिकरण ने यह फैसला याचि ममता देवी के मामले में दिया है। ममता देवी अपने पति से अलग रहती हैं। न्यायाधिकरण ने रेलवे को आदेश दिया है कि वह याचिकाकर्ता को उस दिन से फैमिली पेंशन दे जब से बंद किया गया है। न्यायाधिकरण ने रेलवे के 2016 के आदेश को रद कर दिया है, जिसके तहत वर्ष 2013 में कानून में किए गए संशोधन के बाद याचिकाकर्ता को मिलने वाली फैमिली पेंशन को बंद कर दिया गया था। न्यायाधिकरण ने कहा है कि कानून में संशोधन के तीन साल बाद याचिकाकर्ता को मिलने वाली पेंशन रद्द करना एकतरफा कार्रवाई है। फिरोजाबाद की रहने वाली ममता के पिता भीम सेन रेलवे में सन् 1978 से गैंगमेन थे। वर्ष 2005 में उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के करीब तीन साल बाद जनवरी, 2008 से ममता व उनके दो भाइयों को फैमिली पेंशन मिलने लगी। इस बीच पेंशन से जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया गया। इसके करीब तीन साल बाद रेलवे ने नियमों का हवाला देकर ममता की पेंशन बंद कर दी।

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