Today Breaking News

गाजीपुर नवली कांडः भीम आर्मी की खुराफात!

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गंगा पार थाना रेवतीपुर के मंगलवार की देर शाम से नवली में जो दो दिनों तक कुछ हुआ। क्या इसमें तथा कथित ‘भीम आर्मी’ शामिल रही है। नवली गांव में जो उपद्रव का तरीका था। बेशक वह पू्र्वनियोजित ही था। नवली के आमजन बताते हैं कि दक्षिण और उत्तरी दलित बस्ती के लोग ‘नक्सली’ की तरह धमके पड़े। जैसे कि ऐसे हालातों से निपटने के लिए वह सब प्रशिक्षत हैं। 

एकदम गुरिल्ला अंदाज में। भाजपा के जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह से गाजीपुर आजकल डॉट कॉम ने चर्चा की। उन्होंने छूटते ही कहा-बेशक। यह सब उसी तथाकथित आर्मी की खुराफात है। यह कोई पहली बार नहीं बल्कि उसके पहले सादात थाने के हुरमुजपुर और मरदह थाना क्षेत्र में उस आर्मी सेना की ओर से सामाजिक सौहर्द् बिगाड़ने की कोशिश हो चुकी है। भाजपा जिलाध्यक्ष की इस बात की पुष्टि करते हुए भाजयुमो के प्रदेश मंत्री योगेश सिंह ने बताया कि अब तो उस स्वयंभू आर्मी की जगह-जगह वॉल राइटिंग भी देखने को मिल रही है।…बहरहाल। 

रेवतीपुर थाने के नवली गांव में तथाकथित भीम आर्मी की करतूतों से हर कोई हैरान है। इस संबंध में बसपा के जोनल कोआर्डिनेटर विनोद बागड़ी से गाजीपुर न्यूज़ टीम ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि अव्वल तो तथाकथित भीम आर्मी के बारे में बसपा कुछ जानती नहीं और न ऐसा पार्टी का कोई आनुशांगिक संगठन ही है। तब उसके बारे में चर्चा भी बेमानी है। उधर डीआईजी वाराणसी विजय सिंह मीणा ने कहा कि तथाकथित भीम आर्मी की उनके परिक्षेत्र में गतिविधियों के बारे में अब तक कोई सूचना नहीं रही है लेकिन अगर उस स्वंभू संगठन की करतूत नवली गांव में है या नहीं। इसकी रिपोर्ट वह गाजीपुर के अपने अधिकारियों से मांगेगे।

क्या है भीम आर्मी
इस संगठन का अध्यक्ष कोई नेता नहीं बल्कि सहारनपुर के रहने वाले पेशे से वकील चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण हैं। इन दिनों वह जेल सहारनपुर कांड में जेल में निरुद्ध हैं।चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया के जरिए काफी सुर्खियां बटोरी और दलितों को एकत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका अपनाया। चंद्रशेखर ने फेसबुक और व्हाट्सअप के जरिए लोगों को भीम आर्मी से जोड़ने का काम किया। 

इसका असर देखने को भी मिला जब सहारनपुर में जातीय संघर्श हुआ। फिर दिल्ली के जंतर-मंतर पर भीम आर्मी सेना ने धरना-प्रदर्शन किया तो युवा काफी संख्या में पहुंचे। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण का कहना है कि सहारनपुर में दलितों पर अत्याचार किया गया और उनके घर जलाए गए। भीम आर्मी से जुड़े युवाओं का कहना है कि सहारनपुर में दलितों के घर जलाए गए। उसके बावजूद भी पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करके दलितों को उठाकर जेल में डाल रही है। 

यह सोचे जाने की जरूरत है कि किन वजहों से दलित ऐसे उग्र संगठनों का गठन कर रहे हैं। इसकी दो-तीन वजहें दिखाई देती हैं। दलितों के हितों के लिए काम करने का दावा करने वाली बड़ी पार्टियां अपनी प्रासंगिकता खो रही हैं। वह सिर्फ सत्ता की राजनीति में उलझ कर रह गई हैं,  जिसकी वजह से दलित आबादी के साथ हो रही बदसलूकी और जिसे वो दोयम दर्जे का बर्ताव मानते हैं, उसे कोई जुबान नहीं मिल पा रही है।

'