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गाजीपुर: मुन्ना बजरंगी के हत्या के बाद एक बार फिर पूर्वांचल में गैंगवार की आग धधकने की बढ़ी आशंका

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या की खबर समय के साथ ठंडी होती जा रही है लेकिन जरायम की दुनिया में पूर्वांचल में एक बार फिर गैंगवार की आग धधकने का कयास लगाया जा रहा है। जरायम की दुनिया के सूत्रों के अनुसार मुख्तार अंसारी वाराणसी सहित पूरे प्रदेश में अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए मुन्ना बजरंगी का बदला लेंगे। अंडरवर्ल्ड के माफियाओं को यह पता चल चुका है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या में किन-किन लोगो का हाथ है। किन लोगो ने पैसा लगाया और किन लोगो ने असलहा मुहैय्या कराई। मुन्ना बजरंगी हत्याकांड माफियाओ, सफेदपोश नेताओं व शासन-प्रशासन की गठजोड़ का नतीजा है। जिसके भय से पूरे प्रदेश के माफिया कांपते थे उसकी हत्या बड़े आराम से जेल में सुनील राठी ने गोली मारकर कर दी। इस हत्याकांड की पृष्ठभूमि करीब एक साल से लिखी जा रही थी, जो आज 9 जुलाई को घटना का अंजाम दे दिया गया। 

मुख्तार अंसारी से मुन्ना बजरंगी 1996 के करीब गाजीपुर जेल से सम्पर्क में आया था, इसके बाद उसने 2005 में भाजपा विधायक कृष्णा नंद राय सहित सात लोगो की हत्या मुहम्मदाबाद के बसैनियां चट्टी पर एके 47 से ताबड़तोड़ फायरिंग चलाकर कर दी। इसके बाद मुन्ना बजरंगी यूपी का मोस्ट वांटेड साल लाख ईनामियां अपराधी बन गया। उसका साम्राज्य मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह गैंग के समकक्ष चलने लगा। इसी बीच 2005 में मुन्ना बजरंगी के दाहिने हाथ अन्नू् त्रिपाठी की हत्या वाराणसी जेल में बृजेश गैंग के लोगो ने कर दी। इसका बदला लेने के लिए मुन्ना बजरंगी ने कई हत्याएं की। 

मुन्ना बजरंगी का रियल स्टेट व सरकारी ठेको में गाजीपुर से गाजियाबाद तक चलता था। मुन्ना बजरंगी अपना चोला बदलकर राजनैतिक खादी पहनने के चक्कर में था लेकिन वह सफल नही हो पाया। इसकी हत्या से मुख्तार गैंग में खलबली मच गयी है। अब देखना है कि इस हत्याकांड का बदला लेने के लिए और अपने साम्राज्य को कायम रखने के लिए मुख्‍तार गैंग का अगला कदम क्या होगा। इन्ही सवालों के बीच पूर्वांचल में एक बार फिर गैंगवार की आशंका बढ़ गयी है।

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