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गाजीपुर उसिया प्रकरणः पुलिस कप्तान से मिले पीड़िता संग ग्रामीण

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर दिलदारनगर थाने के उसिया में कथित छेड़छाड़ का मामला गरमाने लगा है। सोमवार को पीड़िता अपने लोगों के साथ पुलिस कप्तान से मिली और तहरीर दी। बताई कि वह इलाज करा कर बीते 19 अगस्त को अपने शौहर के साथ घर लौट रही थी। उसिया स्टेशन पर ट्रेन नहीं रुकने के कारण उन्हें भदौरा उतरना पड़ा। पैदल ही वह दोनों घर के लिए चले। रास्ते में गांव के ही शाहजहां पुत्र बादशाह, इरफान पुत्र वाजिदे खां तथा दो-तीन अज्ञात उन्हें जबरिया रोके। वह शराब के नशे में थे। वह सभी उसके साथ छेड़छाड़ के साथ ही दुष्कर्म की कोशिश शुरू की। शौहर जब विरोध किए तो वह उन्हें पीटे। तब वह शोर मचाई। उसी बीच उनको लेने आ रहा भतीजा शमशेर शेरू भी मौके पर पहुंच गया। उसके साथ भी उन दबंग मनचलों ने मारपीट की। उसके बाद वह सभी जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। इसकी सूचना पीड़िता के शौहर ने दिलदारनगर थाने में तहरीर दी लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस सिलसिले में गाजीपुर न्यूज़ टीम ने पुलिस कप्तान यशवीर सिंह से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी।

दबाव में इलाकाई पुलिस!
गाजीपुर न्यूज़ टीम, उसिया के लोगों की मानी जाए तो इस बड़ी घटना को दबाने के लिए दिलदारनगर पुलिस पर पूरा दबाव बनाया जा रहा है। घटना के बाद गांव के लोगों ने पूर्व ब्लाक प्रमुख रसीद खां, पूर्व प्रधान जमालू खां वगैरह की अगुवाई में इस मामले को लेकर पंचायत बुलाई। मुख्य आरोपी को पंचायत में तलब किया गया लेकिन वह नहीं पहुंचा। तब पंचायत करने वालों ने कुछ युवकों को उसके घर जाकर लाने को कहा। जहां मुख्य आरोपी उनसे भिड़ गया। बाद में दिलदारनगर पुलिस पर दबाव बना कर उल्टे पंचों सहित कई अज्ञात के खिलाफ हत्या के प्रयास जैसा गंभीर मामला दर्ज करा दिया गया। ग्रामीणों के अनुसार इलाकाई पुलिस पर बेजा दबाव बनाने का काम मुख्य आरोपी के खानदान के ही एक रिटायर पुलिस अफसर कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर तमाम दावे कर रही है और दूसरी ओर दुष्कर्म की कोशिश की घटना की पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल रहा है। बल्कि उसका साथ देने वालों को फर्जी मामले दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की साजिश हो रही है। यह सरासर बेइंसाफी है।
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