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गाजीपुर: बंद रहा दवा कारोबार ठप, सड़क पर उतरे थे कारोबारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर ई-फार्मेसी के खिलाफ शुक्रवार को भारत बंद गाजीपुर में भी लगभग सफल रहा। दवा की फुटकर और थोक दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। नर्सिंग होम संचालकों ने भी इनके समर्थन में काली पट्टी बांधी। भारत बंद का आह्वान ऑल इंडिया केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने किया था। शहर में दवा की मुख्य मंडी न्यू मार्केट मिश्रबाजार सहित पुराने जिला अस्पताल के अलावा जिले के अन्य बाजारों की दवा की दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। इमरजेंसी में आमजन की सुविधा के लिहाज से कुछ दुकानें जरूर खोली गई थीं।

जिला मुख्यालय पर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले दवा व्यापारी लालदरवाजा से जुलूस निकाले। जुलूस मिश्रबाजार, महुआबाग होते हुए कलेक्ट्रेट स्थित राइफल क्लब पहुंचा। जहां एसडीएम शिव शरणरप्पा को पत्रक सौंपा। एसोसिएशन के अध्यक्ष नागमणि मिश्र ने दावा किया कि गाजीपुर में भारत बंद पूरी तरह सफल रहा। उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी सरकार दवा के ऑनलाइन कारोबार(ई-फार्मेसी) शुरू कराएगी तो बेमियादी बंदी शुरू होगी। ई-फार्मेसी से गाजीपुर सहित देश के दवा कारोबारी बेरोजगारी की स्थिति में आ जाएंगे। अकेले गाजीपुर में थोक और फुटकर मिला कर दवा की कुल 500 दुकानें हैं। इनसे हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है।  जाहिर है कि ई-फार्मेसी से इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।

एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि बंद को नर्सिंग होम संचालकों ने भी समर्थन दिया। नर्सिंग होम के कर्मचारी काली पट्टी बांधे। जुलूस में उपाध्यक्ष अश्विनी राय, संयुक्त मंत्री देवेंद्र सिंह, पीआरओ अभय कुमार, कृष्णमुरारी केडिया, अजय सराफ, मनोज पांडेय, कमालुद्दीन राना, राजा वर्मा, जगदीश कुशवाहा, रवि केडिया, बाबूलाल, अवधेश गुड्डू, अशोक कुमार, शोएब अहमद, रामबचन कुशवाहा, विपिन पांडेय, मकालू, ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव, मेराजुद्दीन, सीबू, राना, नन्हें, सानी आदि थे। दवा की दुकानें बंद होने से आमजन को दिक्कतें हुईं।

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