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गाजीपुर: आप कह सकते हैं इसे प्रदेश का सबसे मार्डन सरकारी स्कूल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर यह तस्वीर देख आप यह तो समझ गए होंगे कि किसी स्कूल की तस्वीर है। तब यह भी हैरानी नहीं कि आप इसे किसी निजी प्रबंधन वाला प्ले ग्रुप का स्कूल कहेंगे लेकिन हम बताते हैं कि यह स्कूल सरकारी है। सदर ब्लाक के मीरनापुर सक्का के इस स्कूल की बिल्डिंग कुछ दिन पहले तक एकदम जर्जर थी। यहां तक कि बारिश के मौसम में कैंपस में पानी जमा हो जाता था। बच्चों को अपने क्लास रूम में उस पानी से गुजरना पड़ता था। अपने संसदीय क्षेत्र के इस स्कूल की उस दयनीय दशा की बात जब संचार एवं रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के कानों में पड़ी तो उन्होंने इसके जीर्णोद्धार का फैसला किया। करीब तीन लाख रुपये की लागत से यह काम पूरा भी हो गया। मंगलवार की शाम श्री सिन्हा लोकार्पण किए। बोले-ग़ाज़ीपुर जिले के शुरुआती पांच सरकारी स्कूलों को पूर्ण रूप से स्मार्ट शिक्षा व्यवस्ता से जोड़ने के क्रम में स्मार्ट शिक्षा व्यवस्ता की शुरुआत की। ऐसे और भी विद्यालय बनाने का क्रम जारी है। अगले साल तक ऐसे स्कूलों की संख्या 100 पार कर जाएगी।

मीरनापुर सक्का के लोग अपने गांव के इस स्कूल का इस तरह कायाकल्प होने पर श्री सिन्हा को तहे दिल से आभार जता रहे हैं। ग्राम प्रधान सुरेश बिंद कहते हैं-यह अद्भूत काम हुआ है। इससे गांव में बच्चों में पढ़ाई-लिखाई का और बेहतर माहौल बनेगा। इसके लिए उनका पूरा गांव श्री सिन्हा का शुक्रगुजार है। स्कूल की सुंदरता और व्यवस्था गांव के लोगों को आकर्षित करने लगी है। स्कूल में बच्चे-बच्चियों के लिए दो शौचालय तथा मूत्रालय बने हैं। समर्सिबल पंप के साथ आरओ प्लांट लगा है। कूलर की भी व्यवस्था है। एक विशेष रूम बना है। उसका नाम कोना दिया गया है। उसमें छोटे बच्चों के लिए खिलौने और पाठ्य उपकरण की व्यवस्था है। फूल-पौधे भी लगाए गए हैं।

स्कूल की प्रिंसिपल सीमा यादव कहती हैं-आलम यह है कि उद्घाटन के दूसरे ही दिन बुधवार की सुबह दो अभिभावक अपने बच्चों का दूसरे स्कूल से नाम कटवा कर इस स्कूल में एडमिशन कराने पहुंच गए। उनका भाव ऐसा था कि बीच सत्र उनके बच्चों को एडमिशन करना ही पड़ा। सीमा यादव कहती हैं कि उन्हें गर्व है कि वह इस स्कूल की प्रिंसिपल हैं। कहती हैं-वाकई मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है कि कुछ दिन पहले वाला यह बदहाल स्कूल आज इतना बेहतर हो गया। वह उम्मीद जताती हैं कि इस सरकारी स्कूल से अभिभावकों में निजी स्कूलों का आकर्षण खत्म होगा। हालांकि वह चाहती हैं कि अनुभवी शिक्षकों की तैनाती की जाए। मौजूदा वक्त में श्रीमती यादव के अलावा एक शिक्षक तथा तीन शिक्षामित्र हैं। स्कूल में दो नए बच्चों के एडमिशन के बाद बच्चों की संख्या कुल 111 हो गई है। बीएसए श्रवण कुमार ने मनोज सिन्हा की पहल पर मीरनापुर सक्का स्कूल के कायाकल्प की चर्चा पर कहा कि इससे पठन-पाठन में भी गुणात्मक सुधार होगा। श्री सिन्हा के निजी सचिव सिद्धार्थ राय बताए कि फिलहाल और 80 स्कूलों को चिन्हित किया गया है, जिनका इसी तरह कायाकल्प किया जाएगा।

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