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गाजीपुर: हमिद सेतु पर अब केवल चलेगे दो पहिया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गंगा नदी पर बने वीर अब्दुल हमीद सेतु के पीलर नंबर-सात एवं छह के बीच ज्वाईंटर नंबर-14 के दोनों तरफ की रोलर बेयरिग सोमवार की भोर करीब चार बजे खिसकने से पुल का एक स्लैब सात ईंच धंस गया। इससे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी के. बालाजी ने अगले आदेश तक सभी भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दिया। डीएम का निर्देश मिलते ही सदर एसडीएम शिवशरणप्पा एवं सुहवल थानाध्यक्ष राजू कुमार मौके पर पहुंच गए और तत्काल बैरिकेट कर वाहनों को रोक दिया। आवागमन बंद होने से क्षेत्रवासियों सहित गंगा पार से के लोगों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई। बिहार से प्रदेश में आने का मात्र यही एक मात्र पुल है। बक्सर-भरौली पुल वर्षों से खराब है। यही कारण है कि बिहार से आने वाले सभी वाहन इसी पुल से होकर आते हैं। पुल के सात ईंच धंसने की सूचना पर आलाधिकारी भी सतर्क हो गए। कोई दुर्घटना न हो इसको लेकर डीएम ने तुरंत अगले आदेश तक भारी वाहनों से चार पहिया वाहनों पर रोक लगा दिया। रजागंज पुलिस चौकी व सुहवल थाना क्षेत्र के कालूपुर चट्टी पर बैरिकेट कर वाहनों को रोक दिया।

दोनों जगहों पर दर्जनों पुलिस कर्मियों की तैनात कर दिए गए हैं। दोपहर एक बजे डीएम के. बालाजी एनएचआई के परियोजना निदेशक एसबी संग हमीद सेतु पहुंचे। उन्होंने ज्वाईंटर को चेक किया और एसबी सिंह से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर जल्द से जल्द सही करने का निर्देश दिया। वहीं आवागमन प्रतिबंधित होने पर पुल के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। परियोजना निदेशक एसबी सिंह ने बताया कि मरम्मत के लिए तकनीकी विशेषज्ञों से सम्पर्क किया जा रहा है। जल्द मरम्मत करने का प्रयास जारी है। हमीद सेतु की क्षमता मात्र 25-30 टन तक की है लेकिन वर्तमान समय में इस पर 50 से 100 टन तक भार वाले हैवी ओवरलोड वाहनों का दबाव पड़ रहा है। यही कारण की रोलर बेयरिग खिसक जा रही है। एनएचआई अधिकारियों के अनुसार बार-बार जिला प्रशासन व परिवहन विभाग को हैवी ओवरलोड वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने को कहा जाता है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। अगर यही स्थिति रही तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। 1100 मीटर लंबे इस पुल में 12 पीलर, 26 ज्वाईंटर एवं 52 रोलर बेयरिग हैं। इसके पहले भी करीब आधा दर्जन बार इसका स्लैब खिसक चुका है। 2013 के फरवरी माह में भी सेतु के ज्वाईंटर नंबर 18 की रोलर बेय¨रग खिसक गई। इससे कई दिनों तक लोगों को परेशानियां उठानी पड़ी थी। चार जुलाई 2014 को स्लैब खिसकने से दो ईंच खिसक गया।

एक मार्च 2016 को पीलर नंबर एक व दो के बीच रोलर बेयरिग खिसक गई। वहीं इस बार ज्यादा लोड होने के कारण सात ईंच पुल धंस गया, जबकि बार-बार इसको लेकर चेतावनी दी जा रही थी। हमीद सेतु के लगभग सभी बेयरिग खराब हो चुके हैं। इसकी मरम्मत के लिए एनएचआई ने कई बार मरम्मत के प्रयास किए, लेकिन बजट के अभाव में नहीं हो सका। करीब चार वर्ष पूर्व ही 1.75 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया, लेकिन बजट पास नहीं हो सका। आवागमन बंद होने से दोनों तरफ वाहनों की काफी लंबी कतार लग गई है। मात्र दो पहिया एवं पैदल आवागमन की अनुमति दिया गया है। जब उन्हें जानकारी हुई कि अभी मरम्मत नहीं हो सकती है तो वह दूसरे रास्ते की तलाश में भटकते नजर आए। स्कूली छात्र-छात्राओं, महिलाओं, मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कालूपुर चट्टी पर उतरकर लोग पैदल ही पुल पार कर रहे थे। मेरे द्वारा पुल का निरीक्षण कर एनएचआई को जल्द से जल्द सही करने का निर्देश दिया गया है। एहतियात के तौर पर भारी व चार पहिया वाहनों के परिचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया गया है। जल्द ही खिसके बेयरिग को सही कर दिया जाएगा। परिवहन विभाग व संबंधित थाना पुलिस को ओवरलोड वाहनों पर रोक लगाने के साथ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।

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