गाजीपुर: सुहागिनों ने वट वृक्ष की पूजा कर मांगा अखंड सौभाग्य
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर पति की दीघार्यु के लिए सुहागिन महिलाओं ने जिले भर में सोमवती अमावस्या के मौके पर श्रद्धा के साथ वट सावित्री व्रत की पूजा की। स्नान के लिए गंगा घाटों पर भीड़ लगी रही। महिलाएं व्रत रहीं। कच्चे सूत से बने धागा को वट वृक्ष में लपेटकर पूजन-अर्चन किया गया।
मुहम्मदाबाद : महिलाओं ने वट वृक्ष का विधिवत पूजन-अर्चन किया। मान्यता के अनुसार वट व सावित्री दोनों की पूजा होती है। वट वृक्ष में भगवान ब्रह्मा, विष्णु व शिव का वास होता है। भगवान ब्रह्मा पेड़ की जड़, विष्णु तना व शिव ऊपरी भाग में वास करते हैं। इसकी पूजा करने से सारे दुख और दांपत्य जीवन में चल रही परेशानी समाप्त हो जाती है। वहीं अखंड सौभाग्य और उन्नति की प्राप्ति होती है। महादेवा सोमेश्वर महादेव मंदिर, तहसील परिसर स्थित वट वृक्ष के अलावा विभिन्न जगहों पर महिलाओं ने पूजन-अर्चन किया।
लौवाडीह : स्थानीय गांव सहित आस-पास के गांवों वट वृक्ष के नीचे महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा की। महिलाओं ने वट वृक्ष का परिक्रमा कर परिवार के मंगल की कामना की। सावित्री व सत्यवान की कथा सुनकर सुहाग की दीर्घायु और सुखमय दाम्पत्य जीवन की प्रार्थना की गई। घर आकर पति की पूजा के बाद अन्न और जल ग्रहण किया। प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष के अमावस्या को पति की दीर्घायु के लिए वट सावित्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि सावित्री ने अपने पति सत्यवान की प्राण की रक्षा के लिए इस पवित्र वृक्ष की पूजा की थी और यमराज से अपने पति से प्राण वापस ले आयी। उसी दिन से यह पूजा की जाती है। वट का वृक्ष सबसे पवित्र है इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास रहता है।
मलसा : सोवमारी अमावस्या पर पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने गंगा स्नान कर वट वृक्ष की पूजा की।