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गाजीपुर: गंगा फिर बढ़ाव पर, उफनाई सहायक नदियां

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गंगा में फिर बढ़ाव के साथ अन्य सहायक नदियों के उफनाने से तटवर्ती इलाकों की धुकधुकी बढ़ गई है। गंगा संग अन्य नदियों के पानी ने किसानों के जख्म पर नमक छिड़कने का काम किया है। गंगा का जलस्तर तीन बजे आधा सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है।

तीसरे पहर तीन बजे तक गंगा का जलस्तर 63.260 मीटर रिकार्ड किया गया जबकि गंगा के खतरे का निशान 63.105 मीटर है। उधर बेसो, मगई, उदंती आदि नदियों के जल में हजारों हेक्टेयर फसल पानी में डूबने किसानों की सांसें डूबने लगी हैं। लोगों का मानना है कि यह उफान बारिश के चलते हो रहा है। लगातार कई दिनों से घट रही गंगा का जलस्तर फिर से बढ़ने तटवर्ती इलाकों के लोगों की चिता बढ़ गई है। बीते सप्ताह गंगा का जलस्तर कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली थी कि अब उनको दोबारा परेशानियों से जूझना नहीं पड़ेगा लेकिन लगातार हो रही बारिश से एक बार फिर गंगा का जलस्तर बढ़ कर लोगों की दुश्वारियों को बढ़ा रहा है।

बेसो , मंगई भी उफनाई, बाढ़ से घिरे दर्जनों गांव
गाजीपुर : गंगा के साथ बारिश के चलते सहायक नदियां बेसो, मगई, उदंती आदि सहायक नदियां भी उफान पर आ गई हैं। इनका जलस्तर बढ़ने से हजारों बीघा फसल डूबने से किसानों के आगे काफी बढ़ा संकट खड़ा हो गया है। दर्जनों नए गांव बाढ़ से घिर गए हैं। बेसो के पानी में परवल की लत्ती (बीज पौधा) डूब जाने से किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हो गया है। वे लत्ती के सहारे अच्छी खासी कमाई करते थे लेकिन बाढ़ के चलते उनकी कमाई डूबती दिख रही है।

जंगीपुर : बारिश के चलते बेसो नदी भी उफान पर है। इसका पानी फैलने से करीब एक दर्जन गांव को अपने घेरे में ले लिया है। देवकठिया, कटैला, मिट्ठापारा, सरयगोकुल सहित अन्य गांवों को घेर लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बारिश नहीं रुकी तो पानी बढ़ कर गांव में घुस सकता है।

जलस्तर बढ़ने से लोग भयभीत
मुहम्मदाबाद : कटान प्रभावित सेमरा शिवरायकापुरा गांव के लोगों का कहना है कि अगर इसी तरह जलस्तर घटता बढ़ता रहा तो कटान शरू हो सकता है, जिससे काफी नुकसान उठाना पड़ जाएगा। इस बार बाढ़ के दौरान रामतुलाई से शेरपुर के बीच काफी कृषि भूमि गंगा में समाहित हो चुकी है। मंगई नदी के जलस्तर से बाढ़ की समस्या झेल रहे करईल के सियाड़ी गांव में रविवार को पहुंचकर एसडीएम राजेश कुमार गुप्ता व तहसीलदार घनश्याम ने जाकर हालात का जायजा लिया। ग्रामीणों के आवागमन की समस्या को देखते हुए दो नाव लगाने का निर्देश हल्का लेखपाल को दिया।

भांवरकोल : गंगा का जलस्तर पुन: बढ़ने से तटवर्ती गांव के अलावा भागड़ नाले के पास के गांवों में रहने वाले गांव के लोग दोबारा बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं । अबतक बाढ़ के पानी के प्रभाव से बच जाने वाले किसान गंगा का जलस्तर बढ़ने से चितित हो रहे हैं। बाढ़ का पानी चढ़ने से धर्मपुरा भागड़ नाले पर बनी पुलिया पर मात्र आधा फीट पानी रह गया था लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण पुलिया पर पुन: डेढ़ दो फीट पानी चढ़ गया है। मंगई नदी की बाढ़ के पानी से घिरे गांव सरदरपुर तथा सियाड़ी की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ रही हैं। पानी अब भी बढ़ रहा है। एसडीएम राजेश कुमार गुप्ता एवं तहसीलदार घनश्याम के दौरा के बाद सरदरपुर के लिए प्रशासन की ओर से दो नावें तीन दिन पहले ही लगाई जा चुकी हैं। उदंती ने मचाया तांडव

बहरियाबाद : पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से बहरियाबाद बाजार से दक्षिण स्थित उदंती नदी का पानी लगभग एक किमी के क्षेत्र में तेजी से फैलने से सैकड़ों एकड़ फसलें डूब गई हैं। बाढ़ का तटवर्ती गांव कबीरपुर, उकरॉव, आसपुर, महुआबारी सहित अन्य गांवों के रिहायशी घरों में घुसकर लोगों को अन्यत्र शरण लेने के लिए विवश कर दिया है। नदी के बहाव से चौरहापार के पूरब का नहर पूरी उफान पर है जिससे भभौरा, सिढल्लीगढ, कादीपुर आदि लगभग आधा दर्जन गांवों का संपर्क बहरियाबाद बाजार से टूट गया है। गांवों में रिहायशी इलाकों के पास बारिश से की पोखरी, तालाब भी पूरी उफान पर है जिसका पानी घरों में घुस गया है। शनिवार की रात चौरहापार निवासी सोहन चौहान का, भाला खुर्द निवासी मालती देवी व छांगुर का, नौरंगाबाद निवासी कालीचरण चौहान का, बहरियाबाद कस्बा निवासी श्याम कुमार का घर गिर गया। 

उदंती नदी के बाढ़ से कबीरपुर स्थित गौशाला लगभग 5-6 फीट की ऊंचाई तक पानी से लबालब भर गया है। कबीरपुर के कैलाश खरवार, राजेश चौहान के कोल्हू व आटा चक्की की दुकान, फौलादपुर के रामाश्रय यादव के मकान सहित क्षेत्र के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। इब्राहीमपुर गांव के पुश्तैनी ताल के भीटे पर 15 फ़ुट चौड़ी सड़क के बह जाने से पोखरी का बंधा टूट गया जिससे चौहान पुरवा के रिहायशी घरों में पानी घुस गया। स्थानीय सुभाष विद्या मंदिर इंटर कालेज का लगभग 50 मीटर की चहारदीवारी गिर गई। 

मलिकन गांव के बेचन राम, लौटू, चुन्नी लाल, जंगी, धर्मू, बेचू आदि का घर पानी के चलते चारों तरफ से कैद हो गया है। पानी निकासी के लिए उकरांव-सादात मार्ग पर, बहरियाबाद - सादात मार्ग पर, चौरहापार-लारपुर लिक मार्ग पर सड़क को काटना पड़ा। बहरियाबाद-बेला (आजमगढ़) मार्ग पूरी तरह से लबालब होकर नदारद है जबकि शासन-प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई अधिकारी की तरफ से निरीक्षण तक नहीं किया गया है। अगर बारिश नहीं रुकी तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
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