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गाजीपुर: सिर्फ कागजात चेकिंग के लिए वाहन न रोके जाएंः निदेशालय यातायात

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बिना जरूरत सिर्फ कागजात चेकिंग के लिए पुलिस सड़क पर वाहनों को न रोके। यह निर्देश प्रदेश निदेशालय यातायात का है। निदेशालय के डीआईजी राजेश मोडक ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को इस आशय की चिट्ठी (संख्याः डीटी-चार-731-2019/2023) भेजी है। उन्होंने कहा है कि पहली सितंबर से लागू नए मोटर व्हीकिल बिल (अमेण्डेंट) के बाद से काफी शिकायतें मिल रही हैं कि वाहन चेकिंग के नाम पर जनमानस को नाहक प्रताड़ित किया जा रहा है।

डीआईजी मोडक ने निर्देश दिया है कि केवल कागजात चेक करने के लिए वाहनों को न रोका जाए। बल्कि प्रथम दृष्टया बिना हेलमेट और सीट बेल्ट, यातायात संकेतों और नियमों के उल्लंघन करने वाले वाहनों को रोका जाए और उनके कागजात चेक किए जा सकते हैं। चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि दो पहिया के साथ ही चार पहिया वाहनों खासकर एसयूवी इत्यादि बड़े वाहनों की चेकिंग पर भी ध्यान दिया जाए। डीआईजी यातायात ने यह भी कहा है कि नियमों के उल्लंघन के मामले में वाहन चालकों के विरुद्ध प्रवर्तन की कार्रवाई में किसी तरह का भेदभाव न किया जाए। कार्रवाई में निष्पक्षता और पारदर्शिता का पूरा ख्याल रखा जाए।

देश में अभी जुर्माने की पुरानी दर ही लागू        
प्रदेश में अभी यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की पुरानी दरें ही लागू हैं। शुक्रवार को कानपुर पहुंचे प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने मीडिया से बातचीत में यह स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि चलते वाहनों में सीट बेल्ट न बांधने, हेलमेट न लगाने जैसे मामले पकड़े जाने पर प्रदेश में फिलहाल पुरानी दर से ही शमन शुल्क देय है। यातायात पुलिस को नई दरों से चालान नहीं करना है। इसके लिए सभी को निर्देश दे दिए गए हैं। 

हालांकि परिवहन मंत्री ने यह भी जोड़ा कि यदि चालान की दशा में वाहन चालक कोर्ट जाता है तो उसे नई दरों के हिसाब से ही शमन शुल्क देना होगा। उनका कहना था कि केंद्र सरकार का नया मोटर व्हीकिल बिल आमजन की सुरक्षा के लिए है। इसलिए वाहन चालकों को इन नियमों का पालन करना चाहिए। यदि वे नियमों का पालन करते हैं तो उन्हें वैसे ही किसी तरह का जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। एक सवाल पर परिवहन मंत्री ने कहा कि यातायात नियमों का पालन जितना दो पहिया और चार पहिया चालकों पर लागू हैं। उसी कड़ाई के साथ उनका पालन टैक्सी, टेंपो और बसों पर भी लागू है।
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