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गाजीपुर: जिला जेल में डीएम-एसपी का छापा, मोबाइल बरामद और आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर पूर्वांचल की संवेदनशील जेलों में शुमार गाजीपुर जिला कारागार में रविवार शाम डीएम-एसपी ने छापेमारी की। लगातार मोबाइल इस्तेमाल की सूचनाओं के बाद डीएम ओमप्रकाश आर्य ने भारी फोर्स के साथ कार्रवाई की। बैरकों की तलाशी ली तो दो मोबाइल, चार्जर और आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुई। बंदियों की तलाशी में गाजा, चाकू, बीड़ी, सिगरेट, पुड़िया में मादक पदार्थ बरामद हुआ है। बंदी रक्षकाें की लापरवाही के चलते निरंकुशता और शराब सेवन की की बात भी सामने आई। हालांकि तलाशी के बावजूद किसी बैरक से खाली बोतल नहीं मिली।

रविवार शाम जिला कारागार में डीएम ओमप्रकाश आर्य और एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी फोर्स के साथ पहुंचे। डीएम को सूचना मिली कि जेल में बंदी बड़े पैमाने पर मोबाइल यूज कर रहे हैं। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए कई थानों की फोर्स बुलाकर दिन में 5 बजे के करीब जेल पहुंचे। अधिकारियों के पहुंचते ही जेल के सभी बैरकों में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस, पीएसी और प्रशासनिक टीम के साथ जेल में छापेमारी की गई। डीएम एसपी के साथ टीम बैरकों की तलाशी लेने में जुटी रही।प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की कार्रवाई देखकर देख जेल प्रशासन पूरी तरह सकते में आ गया। बैरक नंबर चार से पुलिस को मोबाइल और चार्जर बरामद हुए और वहीं एक नंबर बैरक से आपत्तिजनक वस्तुएं मिली। किसी के पास से बरामद नहीं होने की वजह से यह पता नहीं चला कि मोबाइल किसका है। इस बारे में पूरी जानकारी ली जा रही है। तलाशी के दौरान बंदियों के पास से सिगरेट, पुड़िया में मादक पदार्थ, गांजा, चाकू, बीड़ी बरामद हुआ।

करीब एक घंटे तक चली कार्रवाई में जेल अधिकारियों को डीएम ने जमकर लताड़ा। निरीक्षण के बाद डीएम व एसपी जेल से बाहर निकले और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही। उन्होंने कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच के निर्देश भी दिए। जेल प्रशासन और बंदीरक्षकों की संलिप्तता की जांच की बात भी कही।

पीएसी, ट्रैफिक और क्यूआरटी भी जेल में पहुंची
डीएम ओमप्रकाश आर्य व एसपी डा. अरविंद चतुर्वेदी समेत एसडीएम सदर सत्यप्रिय सिंह, सीओ सिटी तेजवीर सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मियों की मौजूदगी रही। छापेमारी के दौरान यातायात पुलिस और क्यूआरटी की टीम भी जेल पहुंची। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने जेल में छापा मारा के पहले ही टीम के लोग पूरी तरह अलर्ट थे। उन्हें यह बता दिया था कि इस कार्रवाई की सूचना वह किसी को नहीं दे। इस दौरान पुलिस लाइन से अतरिक्त फोर्स नहीं बुलाई गई थी। सिर्फ शहर कोतवाली की पुलिस ही अधिकारियों के साथ अंदर तक पहुंची।

महिला बैरक को भी अधिकारियों ने खंगाला
जेल के अंदर से दो मोबाइल मिलने के बाद शक होने पर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ महिला बैरक की भी तलाशी ली। हालांकि इस दौरान वहां से कुछ आपत्तिजनक सामाग्री नहीं मिली। डीएम ने महिला बंदियों से उनकी सुविधा के बारे में जानकारी ली।

एसडीएम के निर्देश पर जांच शुरू
एसडीएम सदर के निर्देश पर पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा शहर कोतवाली पुलिस को सौंप दिया गया है। जांच का जिम्मा किसे दिया गया है इस बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। एसडीएम ने बताया कि मोबाइल के काल डिटेल के आधार पर पता लगाया जा रहा है कि यह दोनों मोबाइल कौन बंदी यूज कर रहे थे।

जेल में 700 से अधिक बंदी है और जेल प्रशासन की शिथिलता की वजह से जेल में बड़े पैमाने पर मोबाइल बंदी यूज कर रहे हैं। जेल में जैमर नहीं होना और कैदियों पर अंकुश नहीं होना दर्शता हैकि कहीं जेल प्रशासन ही बंदियों को मोबाइल मुहैया तो नहीं करा रहा।

वर्जन
जिलाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की टीम ने जेल में छापेमारी की थी। बैरकों से दो मोबाइल बरामद हुए हैं लेकिन अभी उसके दोषी कीजांच की जा रही है। लेकिन जब तक लिखा-पढ़ी की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक कार्रवाई के लिए कुछ कहा नहीं जा सकता है। बाकी अन्य पहलुओं पर जांच चल रही है। डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, एसपी गाजीपुर।
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