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गाजीपुर: सीएम योगी व डिप्टी सीएम केशव मौर्या के बीच वर्चस्व की जंग की आंच गाजीपुर से गाजियाबाद तक

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर वर्चस्‍व को लेकर सीएम योगी और डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के बीच हो रहे महाभारत की आंच में गाजीपुर से गाजियाबाद के बीच गुटबाजी शुरु हो गयी है। सीएम योगी के असंतुष्‍ट नेता अब डिप्‍टी सीएम केशव मौर्या के कैंप में दरबार लगाने लगे हैं। इस खबर की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों पर है कि भाजपा में वर्चस्‍व को लेकर गुटबंदी पार्टी के लिए शुभ संकेत नही है जिसका असर विधानसभा के उपचुनाव में दिखाई दिया है। 

सूत्रों के अनुसार वर्चस्‍व को लेकर जंग डिप्‍टी सीएम और सीएम योगी में शपथ के बाद ही शुरु हो गयी थी। एक-दूसरे के कार्यक्रमों में जाने से परहेज कर रहे थे। जब इसकी खबर दिल्‍ली दरबार को हुई तो हाईकमान ने दोनों को बुलाकर टीम भावना के साथ काम करने को कहा और डिप्‍टी सीएम केशव मौर्या को आश्‍वासन मिला कि आपके विभाग में कोई हस्‍तक्षेप नही करेगा। इसके बाद दोनों काफी हद तक आपसी सामंजस्‍य हो गया था। लेकिन सत्‍ता के चाटूकारों ने एक बार फिर दोनों बड़े नेताओं के बीच दरार डाल दी जिसपर सीएम योगी ने बैठक कर पीडब्‍ल्‍यूडी द्वारा कराये गये दो वर्षो में लगभग दो हजार करोड़ के विकास कार्येा की जांच के आदेश दे दिये। 15 नवंबर तक गड्ढा मुक्‍त करने का आदेश दे दिया। 

कई बड़े अधिकारियों पर नकेल कस दिये। इसका पलटवार करते हुए डिप्‍टी सीएम केशव मौर्या ने मुख्‍यमंत्री के अधीन लखनऊ विकास प्राधिकरण में व्‍याप्‍त भ्रष्‍टाचार को लेकर पत्र लिखा और कहा कि पहले अपने विभागों की दुरुस्‍त करायें मुख्‍यमंत्री। इसके बाद दोनों में तनातनी तेज हो गयी। इसी बीच पीडब्‍ल्‍यूडी के मुख्‍य अभियंता के नियुक्ति को लेकर दोनों में तकरार हो गयी। डिप्‍टी सीएम ने पूर्व रेल राज्‍य मंत्री मनेाज सिन्‍हा के मित्र रमेश बर्नवाल को ईएनसी बनाने का प्रस्‍ताव दिया तो सीएम कार्यालय में बर्नवाल का प्रस्‍ताव ठुकराते हुए उनके खिलाफ जांच बैठा दी और आरआर सिंह को नया ईएनसी बनाने का सुझाव दिया। इससे दोनों के बीच और गहरी खाई बन गयी। गाजीपुर के जिलाध्‍यक्ष के चुनाव में भी इस गुटबाजी का असर दिख रहा है। भाजपा के एक बड़े नेता ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि जबतक मोदी जी और अमित शाह है तबतक भाजपा विजयी रहेगी।

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