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11 साल तक ट्रेन में सफर करता रहा 50 हजार का इनामी, गिरफ्तार

एसपी रेलवे आगरा जोगेन्द्र कुमार ने बताया कि दयाशंकर अपनी लोकेशन लगातार बदल रहा था. दयाशंकर आगरा में केंट स्टेशन पर खड़ा था. जैसे ही सूचना मिली वैसे ही जीआरपी सर्विलांस टीम और केंट स्टेशन जीआरपी ने फोर्स ले जाकर दबोच लिया.
आगरा (Agra) में जीआरपी को अहम और बड़ी कामयाबी मिली है. जीआरपी ने 11 साल से फरार चल रहे एक इनामी बदमाश को धर दबोचा है. जिस पर 50 हजार का इनाम घोषित था. पकड़ा गया इनामी बदमाश दयाशंकर चलती ट्रेन से फरार हुए था. बता दें कि जालौन जिले के रहने वाले दयाशंकर ने 2005 में अपने सगे भाई और पिता की हत्या की थी. भाई और पिता की हत्या के मामले में दयाशंकर को उम्र कैद की सजा हो गई. सजा के दौरान दयाशंकर बरेली जेल में बंद था.


सजायाफ्ता है इनामी दयाशंकर
दयाशंकर सजायाफ्ता था लिहाजा 2009 में पुलिस बरेली जिला जेल से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया जा रहा था. चलती ट्रेन में दयाशंकर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. 2009 में फरार होने के बाद दयाशंकर जीआरपी और सिविल पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया. पुलिस लगातार उसको ढूंढने में जुट गई लेकिन दयाशंकर का कोई अता पता नहीं चला. दयाशंकर पर 50 हज़ार का इनाम घोषित हो गया. 11 साल तक दयाशंकर जगह- जगह पर भेष बदल कर रह रहा था. लिहाजा पुलिस को ढूंढना मुश्किल हो गया. दयाशंकर की तलाश में जीआरपी, सिविल पुलिस इसके अलावा एसटीएफ भी तलाश में जुटी थी. 11 साल तक दयाशंकर की गिरफ्तारी नहीं हो पाई.

इस तरह से दबोचा गया दयाशंकर
एसपी रेलवे आगरा जोगेन्द्र कुमार ने बताया कि दयाशंकर अपनी लोकेशन लगातार बदल रहा था. दयाशंकर आगरा में केंट स्टेशन पर खड़ा था. जैसे ही सूचना मिली वैसे ही जीआरपी सर्विलांस टीम और केंट स्टेशन जीआरपी ने फोर्स ले जाकर दबोच लिया. दयाशंकर के पास से मथुरा का टिकट बरामद हुआ है. यानी दयाशंकर मथुरा भागने की फिराक में था. फिलहाल दयाशंकर को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया और इनामी दयाशंकर को पकड़ने वाली जीआरपी टीम को 10 हज़ार का अलग से इनाम दिया जाएगा.


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