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Delhi Election: मऊ के गोपालराय फिर विधायक बने, गाजीपुर के दिलीप पांडे की बड़ी जीत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर पूर्वांचल के दो आप नेताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में परचम लहराया है। तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र से जीते दिलीप पांडेय गाजीपुर जिले के जमानियां के रहने वाले हैं। वहीं मऊ जिले के निवासी गोपाल राय ने आप को दिल्ली में दूसरी बार जीत दिलाई है। दिल्ली में दोनों राजनेताओं की जीत के बाद मऊ और गाजीपुर समेत पूर्वांचल के सभी जिलों में जगह-जगह जीत का जश्न मनाया गया। 

तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी से जीतने वाले दिलीप पांडे की गिनती आप के बड़े नेताओं में होती है। एक अक्तूबर 1980 को गाजीपुर जिले के जमानियां कस्बे में पैदा हुए दिलीप हांगकांग में एक आईटी कंपनी में नौकरी करते थे। 2011 में वह नौकरी छोड़कर स्वदेश लौट आए। यहां भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन में शामिल हुए और केजरीवाल के साथ जुड़ गए।


2012 में जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो वे भी इस टीम में शामिल रहे थे। 2014 में वो आम आदमी पार्टी की दिल्ली इकाई के संयोजक बने। 2017 के नगर निगम चुनाव में पार्टी की बुरी तरह से हार के बाद इस्तीफा दे दिया था। बाद में वह फिर पार्टी में शामिल हो गए। 2019 लोकसभा चुनाव में केजरीवाल ने पांडे को उत्तर पूर्वी सीट से चुनाव लड़वाया। लेकिन वह बीजेपी के मनोज तिवारी और तीन बार कांग्रेस से दिल्ली की सीएम रह चुकीं शीला दीक्षित का मुकाबला नहीं कर पाए। 

दिल्ली के विधायक दिलीप के गांव में जश्न : दिल्ली में विधानसभा में गाजीपुर के लाल ने भी परचम फहराया। दिल्ली के तिमारपुर सीट से आप आदमी पार्टी के नेता दिलीप पाण्डेय शानदार जीत दर्ज कर विधायक बने। मंगलवार को जब दिल्ली चुनाव के परिणाम आए तो दिल्ली की तरह ही गाजीपुर के जमानियां में भी जश्न मना। दिलीप पांडे के रिश्तेदारों और परिजनों ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। 


दिलीप पाण्डेय की माता विमला मिश्रा शादी के बाद लंबे समय तक गाजीपुर में रही। वे राजकीय बालिका इंटर कालेज जमानियां में अध्यापिका के पद पर कार्यरत रही। प्राथमिक, बोर्ड और हिंदू पीजी कालेज जमानियां से दिलीप ने स्नातक किया। 

आम आदमी पार्टी ने उन्हें प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी। दिलीप पांडे की जीत के बाद जमानियां समेत आसपास कई जगह जश्न सा माहौल रहा। नगरवासियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए एक दूसरे को गुलाल लगाकर जीत की बधाई देते हुए। आस पास के लोगों को मुंह मीठा कराने में व्यस्त रहे।


वहीं, आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रदेश संयोजक गोपाल राय बाबरपुर विधानसभा सीट से जीते। मऊ के मधुबन थाना क्षेत्र के ग्राम गोबरीडीह (सिपाह इब्राहिमाबाद) में 10 मई 1975 को गोपाल राय किसान परिवार में पैदा हुए। यहां उन्होंने प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ली। लखनऊ विवि से समाजशास्त्र में पोस्टग्रेजुएट हैं। लखनऊ में पढ़ाई के दौरान किसी आंदोलन में 18 जनवरी 1999 को इनके गर्दन में गोली मारी गयी। गोली रीढ़ की हड्डी में आकर फंस गयी। वह जिंदा तो बचे मगर गर्दन के नीचे का हिस्सा पूरी तरह निष्क्रिय हो गया।


लखनऊ मेडिकल कॉलेज में महीनों चले इलाज के बाद सुधार की धीमी गति को देखकर डॉक्टरों ने इन्हें घर ले जाकर एक्सरसाइज कराने की सलाह दी। इन्होंने 9 अगस्त 2009 से 23 अगस्त 2009 तक तीसरा स्वाधीनता आंदोलन के बैनर तले जंतर-मंतर पर 15 दिनों तक अनशन किया। अन्ना आंदोलन के दौरान वह केजरीवाल से जुड़े थे। 2015 में गोपाल राय ने नरेश गौड़ को हरा कर सबको चौंका दिया था। इसके बाद उन्हें केजरीवाल सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री बनाया गया।


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