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गाजीपुर: लाखों डकारने के बाद भी ब्लाक में डटा सचिव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गांवों में विकास के नाम पर लाखों रुपये डकार चुके सचिव पर प्रशासनिक कार्रवाई को दूर उल्टे नौ गांवों का प्रभार सौंपा गया है। यह गोलमाल में ऊपर तक के सांठ-गांठ के बगैर तो हो नहीं सकता। करीब 15 वर्षों से वह मरदह ब्लाक में ही जमा हुआ है, जबकि जांच के दौरान आरोप सिद्ध होने के बाद रिकवरी भी हो चुकी है।

मरदह ब्लाक में सचिव के पद पर तैनात गोपाल कुमार सिंह को नोनरा, अविसहन, नरवर, पृथ्वीपुर, कोदई व रानीपुर समेत नौ गांवों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नोनरा गांव में मनरेगा के तहत हुए विकास कार्यों हुए गड़बड़झाले की जांच के दौरान 98 हजार 832 रुपये बंदर-बाट का मामला प्रकाश में आया। इस मामले में उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद ग्राम प्रधान व सचिव से रिकवरी हुई। इसके बाद पुन: एक ही खड़जा को दिखाकर करीब एक लाख 69 हजार 230 रुपये की अनियमितता की शिकायत पर जांच हुई तो मामला सही पाया गया। इसके बाद सचिव से रिकवरी तो हुई, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई, जबकि ग्रामीणों द्वारा डीएम समेत कई उच्चाधिकारियों को स्थानांतरण व प्रशासनिक कार्रवाई के लिए पत्रक सौंपा गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

सीएम व मंडलायुक्त को भेजा गया पत्र
शिकायतकर्ता संदीप प्रताप सिंह ने बताया कि बीते छह जनवरी को मुख्यमंत्री, आयुक्त मनरेगा व वाराणसी मंडल के मंडलायुक्त को भी सचिव द्वारा किए गए गड़बड़झाले के साथ उससे हुई रिकवरी व एक ही ब्लाक में 15 वर्ष से जमे होने के साथ अब तक प्रशासनिक कार्रवाई न होने की जानकारी पत्र भेजकर दी गई। यही नहीं जिलाधिकारी समेत उच्चाधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे सचिव के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए कई बार पत्रक सौंपा गया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।

सचिव गोपल सिंह द्वारा किए गए गड़बड़झाले व एक ही ब्लाक में 15 वर्ष से जमे होने का प्रकरण संज्ञान में है। इसकी पूरी जांच कराकर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपने के साथ ठोस कार्रवाई की जाएगी।- अनिल सिंह, डीपीआरओ।
 
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