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रविदास जयंती पर वाराणसी पहुंच रहीं प्रियंका गांधी, सन्त रविदास की चौखट पर टेकेंगी मत्था

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (UPCC) के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा है कि सन्त शिरोमणि गुरू रविदास जी ने सामाजिक बराबरी, बन्धुत्व, भाईचारे और श्रम की महत्ता का संदेश पूरी दुनिया को दिया है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) एक बार फिर वाराणसी (Varanasi) दौरे पर आ रही हैं. इस बार प्रियंका सन्त शिरोमणि गुरू रविदास की जयंती (9 फरवरी) पर उनकी जन्मस्थली सीर गोवर्धनपुर, वाराणसी में मत्था टेककर आर्शीवाद लेंगी. बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी की बहुत दिनों से इच्छा थी कि वे सन्त शिरोमणि गुरू रविदास के जन्मस्थली सीर गांव में उनके जयन्ती पर श्रद्धालुओं के साथ दर्शन करके मत्था टेकें.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि सन्त शिरोमणि गुरू रविदास जी ने सामाजिक बराबरी, बन्धुत्व, भाईचारे और श्रम की महत्ता का संदेश पूरी दुनिया को दिया है. भारत में बहुत पुरानी परम्परा रही है, जो मनुष्य को मनुष्य की कोटि से देखती है, धर्म और जाति के चश्मे से नहीं. गुरू रविदास इसी परम्परा के वाहक रहे हैं. आज हम सबके लिए गुरूदेव रविदास की वाणी और विचार अनुकरणीय है ताकि हम एक बेहतर समतामूलक समाज बना सकें.

जनवरी दौरे के समय 5 घंटे में किए थे 3 मंदिरों में दर्शन
बता दें अभी जनवरी महीने में ही प्रियंका गांधी ने वाराणसी का दौरा किया था. इस दौरान सीएए प्रदर्शनकारियों से मुलाकात के अलावा प्रियंका ने अपने 5 घंटे के वाराणसी दौरे में तीन प्रमुख मंदिरों संत रविदास मंदिर, श्री मठ और काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath) में जाकर पूजन और आशीर्वाद लिया था. इसकी शुरुआत उन्होंने भैंसासुर घाट पर स्थित संत रविदास मंदिर से की. वाराणसी पहुंचने के तत्काल बाद प्रियंका राजघाट/भैंसासुर घाट पर बने संत रविदास मंदिर पहुंचीं. उन्होंने वहां सबसे पहले तो उप प्रधानमंत्री और दलितों के बड़े नेता रहे जगजीवन राम की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. इसके बाद दूसरी मंजिल पर संत रविदास की स्थापित मूर्ति की पूजा अर्चना की.

वैष्णव मठ में की राम-सीता की अराधना
थोड़ी देर वहां लोगों से बात करने के बाद प्रियंका गांधी पंच गंगा घाट पर स्थित श्री मठ पहुंचीं. ये मठ रामानन्दी परम्परा का वैष्णव मठ है. इस परम्परा में भगवान राम और सीता की आराधना की जाती है. मठ में राम-सीता की प्रियंका गांधी ने पूजा अर्चना की. उन्होंने दीपक भी जलाया. पूजा करने के बाद वे मठ के साधुओं से मिलीं. प्रियंका गांधी को मठ की ओर से एक स्टोल, कुछ किताबें और तुलसी की एक माला भेंट की गई. बता दें 1990 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 2002 में सोनिया गांधी श्रीमठ पहुंची थीं.

...और माथे से लगाकर पहन ली तुलसी की मालामठ के व्यवस्थापक अमूल्य शर्मा ने बताया कि प्रियंका गांधी ने बाकी सभी चीजें तो अपने सहयोगी को पकड़ा दीं लेकिन, उन्होंने तुलसी की माला को अपने माथे से लगाकर तत्काल गले में पहन लिया. इसी मठ के कैम्पस में प्रियंका गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के दौरान जेल भेजे गये लोगों से मुलाकात की. उन्होंने ऐसे सभी लोगों को संविधान बचाने की इस लड़ाई में कूदने के लिए धन्यवाद दिया. अमूल्य शर्मा ने बताया कि प्रियंका गांधी श्री मठ में लगभग पौने दो घण्टे तक रहीं. श्री मठ से निकलकर प्रियंका गांधी सीधे काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचीं. वहां भी उन्होंने पूजा अर्चना की. महादेव शंकर भगवान का आशीर्वाद लेने के बाद प्रियंका गांधी सीधे बाबतपुर हवाई अड्डे की ओर निकल गईं.
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