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भदोही में 14 जमातियों को कड़ी सुरक्षा में भेजा गया जेल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, भदोही। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मस्जिद के तब्लीगी जमात में शामिल हुए बांग्लादेशी सहित 14 जमाती शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिनव यादव की अदालत में पेश किए गए। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। उनके लिए कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित सैनिक पुनर्वास केंद्र में अस्थायी जेल बनाया गया है। तब्लीगी जमात में शामिल जमातियों की कर्नाटक में हुई मौत के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया। भदोही के काजीपुर स्थित मरकज मस्जिद के निजी गेस्ट हाउस में छिपाए गए 11 बांग्लादेशी और तीन भारतीय को पकड़ लिया गया था। उनका स्वैब जांच के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें क्वरंटाइन में रखा गया था। क्वारंटाइन पूर्ण होने के बाद शुक्रवार को मो. इंसेर अली, त्वाहिदुल इस्लाम परवेज, सैयद मोहिबुर्रहमान, नजरूल हक, नवाज अली, नजरूल इस्लाम, दराज्जुद्दीन मुतब्बर, रफिकुल इस्लाम, फैजल रैबी, शेख अख्तरुज्जमा, मनौवर रसीद, जमात अली, शहिदुल्ला, अनवर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया। 

मेडिकल कराने के बाद आरोपितों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपितों को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। एसपी रामबदन ङ्क्षसह ने बताया कि निर्देश मिलने पर जमातियों को जेल भेज दिया गया। उनके लिए कलेक्ट्रेट परिसर में अस्थायी जेल बनाया गया है। दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज मस्जिद में तब्लीगी जमात की ओर से आयोजित जमात में बड़ी संख्या में स्वदेश और विदेश के जमाती शामिल हुए थे। विदेश से आने वाले जमातियों के संपर्क में आने से अधिसंख्य लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। सरकार द्वारा बार-बार अपील करने के बाद भी जमाती अपने को छिपाए रखे। कार्यक्रम में शामिल होकर 11 बांग्लादेशी और तीन असम के लोग काजीपुर स्थित मरकज मस्जिद के पास स्थित एक निजी गेस्ट हाउस में रुके थे लेकिन प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं दी। 

पुलिस को मामला संज्ञान में आने पर उनके खिलाफ वीजा और लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने उनका बांग्लादेश का वीजा भी जब्त कर लिया। इसके साथ ही जमाती नगर के अन्य मस्जिदों में भी गए थे। उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है। संरक्षणदाताओं पर भी शिकंजा कसेगा। पुलिस उनके खिलाफ शीघ्र ही आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल करेगी। इंतजामिया कमेटी के विदेशियों की जानकारी होने के बाद भी अनभिज्ञ बने रहे। लॉकडाउन उल्लंघन में अन्य आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर ले रही है लेकिन संरक्षणदाताओं को संरक्षण देती फिर रही है। संरक्षणदाताओं में अधिसंख्य कालीन निर्यातक शामिल हैं। उच्चाधिकारियों से उनका सीधे तार जुड़े हैं। इसलिए स्थानीय पुलिस हाथ डालकर जहमत नहीं उठाना चाहती है।
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