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गोरखपुर में 49 साल का अधेड़ मिला पहला कोरोना पॉजिटिव, दिल्ली से वापसी पर गांववालों ने किया था विरोध

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. लॉकडाउन पार्ट-टू पूरे होने के आठ दिन पहले जिले में कोरोना का पहला मरीज मिला है। उसकी उम्र करीब 49 साल है। वह उरुवा थाना क्षेत्र के हाटा बुजुर्ग गांव का रहने वाला है। रविवार को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल से एंबुलेंस से वह अपने गांव आया था। जहां पर गांववालों ने उसका विरोध भी किया था।  इस बीच दिल्ली से आने के करीब चार-पांच घंटे बाद उसकी तबीयत बिगड़ी तो परिजनों ने 108 एंबुलेंस से इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज शाम को सवा सात बजे के करीब लेकर आए। परिजनों के मुताबिक सीने में दर्द की शिकायत की थी और सांस भी फूल रहा था। तबीयत और ट्रैवेल हिस्ट्री के आधार पर उसे तत्काल आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराते हुए डॉक्टरों ने फौरन गले से लार का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा। 

सीबीनेट मशीन से हुई जांच, मिला पॉजिटिव 
पहली बार टीबी के सीबीनेट मशीन से जांच की गई, करीब डेढ़ घंटे बाद ही रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर हड़कंप मच गया है। इसके बाद इसकी सूचना कॉलेज प्रशासन ने कमिश्नर सहित डीएम को दी। साथ ही पुलिस को देर रात में ही उसके परिजनों को क्वारंटीन करा दिया गया है। 

रविवार को ही दिल्ली से लौटा था
रविवार को ही अधेड़ दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से एंबुलेंस से लौटा था। बीआरडी कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि उसका सफदरजंग में बीपी और शुगर का इलाज चल रहा था। वहां कोरोना के मरीज होने की वजह से वह एंबुलेंस से घर आ गया था। तबियत बिगड़ने पर उसे परिजन कॉलेज लेकर आए तो जांच में कोरोना की पुष्टि हुई है। 

पहले चरण में पास, दूसरे में फेल
अब तक गोरखपुर प्रशासन पहले चरण के लॉकडाउन में पूरी तरह से पास रहा है। लेकिन दूसरे चरण में उसके सारे इंतजाम फेल हो गए। डॉक्टरों का कहना है कि अगर मरीज की तबीयत खराब थी, तो उसे दिल्ली से लेकर यहां नहीं आना चाहिए था। क्योंकि दिल्ली पहले ही हॉट-स्पॉट के रूप में तब्दील है। ऐसे में मरीज को यहां नहीं भेजना चाहिए था। 

उरुवा के हाटा बुजुर्ग के एक शख्स कोरोना संक्रमित पाया गया है। उसको आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराते हुए इलाज शुरू कर दिया गया है। पूरे परिवार को क्वारंटीन कराने की जानकारी जिला प्रशासन को दे दी गई है। 
-डॉ गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज
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