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आसपास मौजूद कोरोना संक्रमितों से आगाह करेगा Mobile App 'आरोग्य सेतु'

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, चीन से फैले जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ ही प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हर पल नई योजनाओं पर काम कर रही है। इसके तहत लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ बचाव के उपाय तथा चिकित्सीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।

कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान केंद्र सरकार ने 'आरोग्य सेतु' नामक एक ऐसा मोबाइल एप विकसित कराया है, जो आपके आसपास मौजूद कोरोना संक्रमित लोगों के बारे में अलर्ट जारी कर आपको आगाह करेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने सभी अधिकारियों को अधिक से अधिक लोगों तक इस एप की जानकारी पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही इसको लेकर शासनादेश भी जारी किया गया है।

कोरोना से बचाव और स्वमूल्यांकन के उद्देश्य से विकसित किया गया यह मोबाइल एप कोरोना संक्रमण के खतरे और जोखिम का आकलन करने में नागरिकों की मदद करेगा। यह एप ब्लूटूथ, लोकेशन और मोबाइल फोन नंबर का उपयोग कर आसपास मौजूद कोरोना संक्रमितों के बारे में अलर्ट जारी करता है। यह मोबाइल एप एंड्रायड और आइओएस दोनों तरह के मोबाइल ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर के लिए उपलब्ध है। इन खूबियों के अलावा इसमें राज्यवार कोरोना हेल्पलाइन सेंटर की सूची भी उपलब्ध कराई जाती है। इस एप के माध्यम से उपयोगकर्ता किसी भी समय पूर्व निर्धारित प्रश्नों का उत्तर देकर खुद अपना मूल्यांकन भी कर सकता है। ऐप के सभी डेटा को केंद्र सरकार निजता कानून के तहत सुरक्षित रखती है।

कैसे करें डाउनलोड
ऐप डाउनलोड करने के लिए गूगल प्ले या ऐप स्टोर पर आरोग्येसतु टाइप करें। ध्यान रहे कि आरोग्यसेतु के बीच में स्पेस ना रहे। इस ऐप को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत (नेशनल इन्फर्मेटिक सेंटर) के दिशा-निर्देश में बनाया गया है। ऐप को NIC ने पब्लिश किया है और डिवेलपर के नाम के तौर पर ऐंड्रॉयड में NIC eGov Mobile Apps और आईफोन्स में NIC दिखाएगा, इसलिए सही ऐप डाउनलोड करें और सावधानी बरतें।आरोग्य सेतु ऐप ट्रेसिंग और यह पता करने के लिए कि आप सेफ हैं या नहीं, इसके लिए मोबाइल नंबर, ब्लूटूथ और लोकेशन डेटा का इस्तेमाल करता है। यह एक कोरोना वायरस ट्रैकिंग ऐप है। 

आरोग्य सेतु ऐप को ऐसे करें इस्तेमाल

- आरोग्य सेतु ऐप को इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर रजिस्टर करें। फोन नंबर डालने पर एक ओटीपी आएगा, जिसे एंटर करने पर ऐप में रजिस्ट्रेशन हो जाता है।

- इसके बाद ऐप आपसे ब्लूटूथ और जीपीएस का ऐक्सिस मांगता है

यह ऐप डिवाइस से यूजर के डेटा को एनक्रिप्टेड फॉर्म में लेता है।

- ऐप खोलने पर पर्सनल डीटेल्स पूछी जाती हैं, जिनमें जेंडर, नाम, उम्र, पेशा और पिछले 30 दिनों की ट्रेवल हिस्ट्री के बारे में पूछा जाता है। आप चाहें तो इस विकल्प को स्किप भी कर सकते हैं।

- इसके बाद आप ऐप की भाषा भी चुन सकते हैं।

ऐप में सभी राज्यों के हेल्पलाइन नंबरों की लिस्ट है।

- अगर आप चाहें तो जरूरत और संकट के इस वक्त में खुद को वॉलिंटियर के तौर पर रजिस्टर कर सकते हैं।

इस ऐप में यूजर अपना सेल्फ असेसमेंट कर सकते हैं।

पता चलता है लो व हाई रिस्क कैटेगरी
आरोग्य सेतु ऐप एक सोशल ग्राफ का इस्तेमाल करता है जिससे लो और हाई रिस्क की कैटिगरी का पता चलता है। यह सोशल ग्राफ लोकेशन डिटेल्स के आधार पर बनता है। जब भी आप लो या हाई-रिस्क कैटिगरी में आएंगे तो आप आपक अलर्ट करता है। हाई-रिस्क कैटिगरी में आने पर ऐप टेस्ट सेंटर जाने के लिए आपको नोटिफाई करेगा।

खास फीचर्स
आरोग्य सेतु ऐप के दो सबसे खास फीचर्स है। पहला राज्यवार कोविड-19 हेल्प सेंटर के फोन नंबर्स की लिस्ट।दूसरा- सेल्फ असेसमेंट। इस फीचर के जरिए आप यह जांच कर सकते हैं कि आपको कोरोना वायरस का खतरा है या नही। अगर आपमें कोविड-19 से जुड़े कोई लक्षण दिखते हैं तो यह ऐप सेल्फ-आइसोलेशन से जुड़े दिशा-निर्देश देता है। आरोग्य सेतु ऐप 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। इनमें अंग्रेजी और हिंदी भी शामिल हैं।

आयुष के डॉक्टर व कर्मी भी कोविड-19 अस्पताल में तैनात
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर अंकुश लगाने की जोरदार तैयारी है। सूबे में कोविड-19 अस्पतालों में डॉक्टर, पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ को लगातार बढ़ाया जा रहा है। इसी के तहत आयुष विभाग के समस्त स्टाफ को जिला अधिकारियों के अधीन कर दिया गया है और वह जरूरत के हिसाब से इनकी तैनाती विभिन्न अस्पतालों में करेंगे। प्रमुख सचिव आयुष प्रशांत त्रिवेदी ने बताया कि इस के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश के सभी आयुर्वेद यूनानी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर फार्मासिस्ट आदि को जिला अधिकारी के निर्देश के अनुसार अस्पतालों में तैनात किया जाएगा। ये सभी क्वारंटाइन फैसिलिटी मैनेजमेंट का काम संभालेंगे। इन सभी को इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व अन्य स्टाफ को पीपीई किट तथा अन्य जरूरी उपकरण सीएमओ उपलब्ध करा देंगे। 

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