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भारत में क्यों जरूरी था 40 दिन का लॉकडाउन? स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताई वजह

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है. इस बीच देश के लिए 40 दिन का लॉकडाउन क्यों जरूरी था इस बात का विस्तृत ब्योरा मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से देश के सामने रखा गया है. 21 दिन का लॉकडाउन पहले और अब 3 मई तक लॉकडाउन के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने विस्तार से जवाब दिया.

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के लिए चेन ऑफ ट्रांसमिशन को तोड़ना बेहद जरूरी है और अगर 28 दिन किसी इलाके में कोई केस नहीं आता है तो माना जाता है चेन ऑफ ट्रांसमिशन वहां का टूट गया. यही वजह है कि 3 सप्ताह पहले लॉकडाउन किया गया और अब फिर 3 मई तक इसको बढ़ाया गया है, जिससे हर इलाके में सुनिश्चित हो जाए कि कहीं भी चेन ऑफ ट्रांसमिशन कोरोना संक्रमण का ना रहे.

केंद्र सरकार के मंत्रालयों की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एक बार फिर देश के समक्ष यह तस्वीर साफ की गई कि 28 दिन से ज्यादा का लॉकडाउन इस बात को कंफर्म करने के लिए जरूरी है कि कहीं भी संक्रमण नहीं हो रहा है. स्वास्थ मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देशभर में कोविड-19 से निपटने के लिए व्यापक तौर पर तैयारियां की जा रही हैं. राज्यों के सहयोग से अभी तक 602 कोविड-19 स्पेशल हॉस्पिटल तैयार किए जा चुके हैं.

इसी के साथ ही गृह मंत्रालय की तरफ से पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि स्टेट में लॉकडाउन इन फोर्स करने के लिए व्यापक तौर पर काम चल रहा है. गृह मंत्रालय का कंट्रोल रूम लगभग 5000 शिकायतों का निदान कर चुका है. 20000 Grievance सेंटर देशभर में बनाए गए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि देशभर में हर राज्य में मेडिकल इक्विपमेंट्स और जरूरी सामान तेजी से पहुंचाया जा रहा है, 218 लाइफ लाइन कार्गो उड़ान से देशभर के विभिन्न राज्यों में मेडिकल इक्विपमेंट्स पहुंचाए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि 20 अप्रैल तक देश के हर जिले और शहर का संक्रमण के लिहाज से Evaluation होगा और इसके बाद ही तय किया जाएगा कि कहां छूट दी जा सकती है.

आईसीएमआर की तरफ से रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि कल तक 2,31,902 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है. 21,635 नमूनों का कल परीक्षण किया गया. ICMR नेटवर्क के तहत 166 लैब और 70 प्राइवेट लैब को मंजूरी दी गई है. गंगाखेड़कर ने कहा कि हमारे पास 6 सप्ताह के लिए के लिए पर्याप्त संख्या में है और 33 लाख RTPCR का आर्डर दिया गया है साथ ही 37 लाख रैपिड एन्टीबॉडी टेस्टिंग किट का आर्डर भी पूरा हो रहा है.

भारत में कोरोना संक्रमण के Trends को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण के मामले में यंग एज के लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं जबकि डेथ के मामले में ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या अधिक है. देश के दूरदराज गांव में यदि कोई भी माइग्रेटेड होकर गया है और संक्रमण का शिकार है या किसी दूसरे को इस तरह के Symptoms आ रहे हैं तो वह तुरंत हमारे फ्रंटलाइन वर्कर को सूचित करें.

आईसीएमआर ने कहा है कि हम किसी को टेस्ट के लिए ना नहीं बोलते हैं. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया गया कि टेस्टिंग उसी की होनी चाहिए जिसको जरूरत है.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत 5.29 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन मुहैया कराया गया है. वितरण के लिए 3,985 मीट्रिक टन दलहन भी विभिन्न राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में भेजा गया है.

कुल मिलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार में अपने इंतजामों का ब्यौरा तो दिया ही है लेकिन यह भी साफ करने की कोशिश की है कि खतरा अभी टला नहीं है. सरकार हर स्तर पर इंतजाम कर रही है. बस अब जनता का सहयोग चाहिए. lockdown का सभी 100 फीसदी पालन करें.

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