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एक दिन में 23 श्रमिक ट्रेनों से पहुंचे रिकार्ड 17 हजार श्रमिक

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर, दूसरे राज्यों में फंसे कामगारों को सुरक्षित गोरखपुर जंक्शन पर उतारने में पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन अदम्य इच्छाशक्ति का परिचय दे रहा है। अपने ही रिकार्ड को तोड़ते हुए गोरखपुर जंक्शन पर एक दिन में 23 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से लगभग 17 हजार कामगारों को उतारकर नया कीर्तिमान गढ़ा है। अभी भी ट्रेनों के आने का क्रम जारी है।

275 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से गोरखपुर पहुंच चुके हैं 2 लाख 81358 कामगार
फिलहाल, 29 मई तक 275 श्रमिक ट्रेनों से 2 लाख 81358 प्रवासी गोरखपुर जंक्शन पर उतर चुके हैं। यह अपने आप में एक रिकार्ड है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बताते हैं कि बाहर से आए कामगारों को उतारने और सुरक्षित घर तक पहुंचाने में गोरखपुर अव्वल बना हुआ है। गोरखपुर ही नहीं पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशनों पर श्रमिक ट्रेनों से प्रवासी उतारे जा रहे हैं। गोरखपुर सहित पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर अभी तक 853 श्रमिक ट्रेनों से 8 लाख 81850 कामगार उतर चुके हैं। प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने दो दिन पहले ही लखनऊ में बताया था कि गोरखपुर दो सौ से अधिक श्रमिक ट्रेनों से दो लाख से अधिक प्रवासियों को उतारने वाला देश का पहला जिला बन गया है।

आखिर गोरखपुर ही क्यों

गोरखपुर में विश्व का सबसे लंबा प्लेटफार्म (1366.44 मीटर) है। 

पूर्वोत्तर रेलवे के सबसे बड़े दो कैब-वे यहीं हैं, जहां 24 घंटे रोडवेज की औसतन 300 बसें खड़ी रहती हैं।

गोरखपुर में दक्षिण और उत्तर की तरफ दो द्वार हैं, जिससे होकर बड़े वाहन भी प्लेटफार्म तक पहुंच जाते हैं।

बड़े प्लेटफार्मों पर शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए स्वास्थ्य परीक्षण के बाद कामगारों को आसानी से सुरक्षित बाहर निकाल दिया जाता है।

रेलवे स्टेशन पर बस चालकों और परिचालकों के लिए सबसे बड़ा वेटिंग हॉल है।

श्रमिक ट्रेनों के लिए प्लेटफार्म नंबर एक, दो और तीन खोल दिए गए हैं।

पूर्वांचल ही नहीं प्रदेश के किसी भी जनपद के उतरे प्रवासियों को रोडवेज की बसों से सुरक्षित घर तक पहुंचाया जाता है।

भोजन और पानी के लिए रास्ते भर जिद्दोजहद
रेलवे लाख दावा कर ले, लेकिन प्रवासियों को भोजन, नाश्ता और पानी के लिए रास्ते भर जिद्दोजहद करना पड़ रहा है। किसी को भोजन मिल रहा तो पानी नहीं। किसी को पानी मिल रहा तो नाश्ता नहीं। कामगार बिलबिलाते घर पहुंचने को मजबूर हैं। पानीपत से अररिया जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार प्रवासियों को गोरखपुर जंक्शन पर लंच के पैकेट और पानी के लिए हंगामा करना पड़ा। इसके बाद भी सभी के हाथ में लंच का पैकेट नहीं पहुंच पाया। औरंगाबाद के लाल बिहारी का कहना था कि वेंडर आधे लोगों को लंच पैकेट देकर चले गए।

इसके बाद लोग हंगामा करने लगे, लेकिन वेंडर वापस नहीं आए। पानीपत से ही भूखा-प्यासा पहुंचा था। उन्हें औरंगाबाद जाना था, लेकिन पानीपत में जबरदस्ती अररिया वाली ट्रेन में बैठा दिया गया। परिवार के साथ यात्रा कर रहे प्रवासी सनोज ने बताया कि उनकी बोगी में लंच का पैकेट मिला था। उसमें मात्र चार पूड़ी और अचार था। रास्ते भर बच्‍चे परेशान रहे। रोजाना सैकड़ों कामगार भूखे-प्यासे श्रमिक ट्रेनों से सफर कर रहे हैं। ऊपर से गाडिय़ों का विलंबन कोढ़ में खाज का काम कर रहा है।
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