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शराब की दुकानें खोलने पर प्रदेश सरकार को नोटिस, अगली सुनवाई 12 मई को

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानें खोलने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है और याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। याचिका पर अगली सुनवाई 12 मई को होगी।

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने दिया है। अधिवक्ता सुनील चौधरी की ओर से दाखिल याचिका में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोलने को आत्मघाती बताते देते हुए इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। कहा गया है कि शराब की दुकानों पर भारी भीड़ ने लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ा दीं। इससे महामारी के फैलने की आशंका व्याप्त हो गई है। यह भी कहा गया है कि यदि आर्थिक कारणों से शराब बिक्री जरूरी हो तो इसे ऑनलाइन या होम डिलीवरी सिस्टम से बेचा जाए।

बुधवार को प्रदेश में महंगी की गई शराब : 
शराब की दुकानें खोलने के साथ ही बुधवार को प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में देशी और विदेशी शराब के दामों में 05 रुपये से लेकर 400 रुपये तक की वृद्धि के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी। यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि इससे सरकार को इस साल करीब 2350 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है।


सरकार के फैलसे का  भाजपा विधायक ने किया विरोध : 
यूपी के बलिया जिला के बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने लॉकडाउन काल में शराब की दुकानों को खोलने के अपनी ही सरकार के निर्णय का विरोध किया है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की न सिर्फ तारीफ की बल्कि यहां तक कह दिया कि वास्तव में राजनीति के क्षेत्र में इंसान को भगवान बनाने के क्रम में अगर कोई नेता काम कर रहा है तो वह अकेले और अकेले नीतीश कुमार हैं। इतना गरीब प्रान्त होते हुए भी बहुत बड़ी आमदनी के स्रोत को बंद कर देना नीतीश कुमार के वश की बात है। विधायक ने कोरोना के कारण देशव्यापी पूर्णबन्दी के दौरान शराब की बिक्री पर पूरी तरह रोक की मांग की है।

दिल्ली में  ऑनलाइन बिक्री के लिए हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका
वहीं दूसरी ओर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर आप सरकार को कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए शराब की ऑनलाइन बिक्री शुरू करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इसमें दलील दी गई है कि राजधानी में इस सप्ताह शराब की बिक्री शुरू होने के बाद से लोगों ने सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करते हुए शराब की दुकानों के बाहर कतार लगाई है, जिससे जिससे इस संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है।

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