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पूर्वांचल के जिलों में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के आने का क्रम जारी, स्‍टेशनों में हो रही थर्मल स्क्रीनिंग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी, कोरोनावायरस के चलते देश में जार लॉकडाउन के कारण पूर्वांचल के श्रमिक अन्‍य राज्‍याें से अपने गृह जनपद पहुंच रहे हैं। विगत कुछ दिनों में जौनपुर, गाजीपुर, बलिया में श्रमिक स्पेशल ट्रेन से श्रमिक आए हैं। श्रमिकों के आने का क्रम गुरुवार को भी जारी है। पटियाला से आजमगढ़, राजकोट से बलिया, गुजरात से मऊ श्रमिक पहुंच हैं।
पटियाला से 1188 श्रमिकों को लेकर आजमगढ़ पहुंची स्पेशल ट्रेन
पटियाला से श्रमिक स्पेशल ट्रेन निर्धारित समय से ढाई घंटा देर से सुबह लगभग 11.30 बजे आजमगढ़ रेलवे स्टेशन पर 1188 श्रमिकों को लेकर पहुंची। स्टेशन पर बोगीवार यात्रियों को बाहर लाया गया। शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए लाइन लगवाई गई है। चिकित्सकों की 15 टीम द्वारा इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान यदि किसी श्रमिक को बुखार, खांसी और श्वांस का लक्षण पाया गया उन्हें अस्पताल में क्वारंटाइन कर उनका सैंपल भेजा जाएगा। कुल 22 बोगियों में आए श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए रोडवेज की 54 बसें रूटवार लगाई गईं हैं। डीएम नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि श्रमिकोें को सात दिन के राशन के साथ उनके घर भेजा जाएगा, जहां वे 14 दिन के लिए क्वारंटाइन रहेेंगे। यह भी बताया कि दो-तीन श्रमिकों के जौनपुर और अंबेडकरनगर जिले का बताया जा रहा है, जिनकी सूची से मिलान की जाएगी। यदि वे संबंधित जिले के होंगे तो उनके वहां भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी। इससे पूर्व सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस, प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। इलाकाई पुलिस के साथ आरएएफ के जवान सुरक्षा मोर्चां संभाले हुए थे।

1755 श्रमिकों को लेकर बलिया पहुंची श्रमिक स्पेशल 
लाकडाउन में गुजरात के राजकोट में फंसे श्रमिकों को लेकर गुरुवार को दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन रेलवे स्टेशन पहुचीं। थर्मल स्क्रीनिग व नाश्ता देने के पश्चात सभी श्रमिकों को 21 दिन के होम कोरोंटाइन के लिए बसों से घर भेजा गया। परीक्षण के दौरान कोरोना लक्षण वालो श्रमिकों कोरोंटाइन सेंटर भेजने के लिए एक स्थान पर रोका गया।  इस दौरान स्टेशन परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। मौके पर आलाधिकारी स्टेशन पर पहुंच व्यवस्था का जायजा लिया। संयुक्त मजिस्ट्रेट बिपिन जैन संग एसडीएम अश्वनी कुमार श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ पूरी व्यवस्था की निगरानी करते रहे।
मॉडल रेलवे स्टेशन पर तय समय से एक घण्टा लेट दोपहर 12.20 बजे ट्रेन पहुंची।। श्रमिक स्पेशल रेलवे व जिला प्रशासन की उपस्थिति में बोगियों को खोला गया। पुलिस निगरानी में सभी श्रमिको को धीरे धीरे बाहर निकाला गया। प्लेटफार्म  पर मौजूद स्वास्थ्य व बेसिक विभाग की टीम ने सभी का थर्मल स्क्रीनिग व नाम पता नोट कर होम कोरोंटाइन की पर्ची दी, उसके पश्चात नाश्ता व पानी दिया गया। इस दौरान शारीरिक दूरी का पालन पर विशेष जोर रहा। श्रमिकों को घर तक पहुंचाने के लिए रोडवेज की 75 बसे स्टेशन परिसर में खड़ी थी। एक बस में 26 श्रमिकों व दो पुलिस के जवानों को बैठाया गया।

साबरमती एक्सप्रेस से मऊ पहुंचने वाले हैं 1200 प्रवासी श्रमिक
गुजरात से आने वाले यात्रियों को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, मेडिकल टीमों ने किया कैंप,  मौके पर 5 एंबुलेंस खड़ी, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी समेत बड़ी संख्या में जिला प्रशासन के अधिकारी मऊ रेलवे जंक्शन पर मौजूद,  फिलहाल साबरमती एक्सप्रेस के प्रयागराज में होने की मिल रही है सूचना। साबरमती एक्सप्रेस के  तीन बजे तक आने की है संभावना। ट्रेन में मऊ समेत 40 जिलों के 1200 प्रवासी श्रमिक सवार हैं।

डालिया में डलवाए रुपये और धक्के देकर ट्रेन पर चढ़ा दिया
गुजरात के बड़ौदरा से गोरखपुर जाने वाले 16 यात्री मीराजपुर के पहाड़ा रेलवे स्टेशन के पास आऊटर पर उतरे। वहां से पैदल चलकर सभी यात्री कलेक्ट्रेट पहुंचे और गोरखपुर जाने की मांग की। यात्रियों ने बताया कि बड़ोदरा स्टेशन पर उनसे प्रति टिकट 760 रुपये लिए और सभी से पैसे एक डलिया में डलवाए गए। इसके बाद बिहार जाने वाली ट्रेन में जबरन धक्का देकर चढ़ा दिया। बोले कि यह गोरखपुर भी जाएगी लेकिन वह ट्रेन नान स्टॉप पटना की ओर जा रही थी। सुबह जब ट्रेन आऊटर पर रुकी तो मौका देखकर सभी 16 यात्री उतर गए और पैदल कलेक्ट्रेट पहुंचे। डीएम सुशील कुमार पटेल ने सभी को भोजन कराया और आगे भेजने की तैयारी की है।

 
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