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जुलाई के पहले सप्ताह में किसी एक दिन रोपे जाएं 25 करोड़ पौधे- CM योगी आदित्यनाथ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जुलाई के पहले सप्ताह में वन महोत्सव के दौरान पूरे प्रदेश में किसी एक दिन 25 करोड़ पौधारोपण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को सफल बनाने के लिए समयबद्ध ढंग से तैयारी की जाए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कार्य योजना बनाकर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पौधारोपण किया जाए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को कम से कम पांच पौधे वितरित किए जाएं। पौधारोपण के लिए गड्ढा खोदाई का कार्य प्रवासी कामगारों व श्रमिकों से कराया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सरकारी आवास पर तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि पर्यावरण, प्राकृतिक संतुलन एवं जल संरक्षण के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। पौधारोपण के लिए ग्राम पंचायतों, शहरी क्षेत्रों को चिह्नित करने के साथ ही रोपण क्षमता, वृक्षों की प्रजातियां, स्थलों और लाभार्थियों की सूची तैयार कर ली जाए। लक्ष्यों के आवंटन के अनुसार कार्यों की निगरानी की जाए। साथ ही, जियो टैगिंग भी की जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर पौधारोपण किया जाए। किसानों को इसके लिए प्रेरित किया जाए। उन्हें पौधारोपण के लिए फलदार पौधे दिए जाएं। यह भी देखा जाए कि यह पौधे नर्सरी में कम्पोस्ट खाद द्वारा तैयार हों। उन्होंने इसे निराश्रित गोआश्रय स्थलों से क्रय करने की बात कही। इससे लागत सस्ती आएगी और गोशालाओं की व्यवस्थाएं भी सुधरेंगी। सीएम ने कहा कि सहजन के पौधे अधिक से अधिक लगाए जाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक परिवार के घरों के आस-पास इनके रोपण की व्यवस्था की जाए। इनसे पोषण की समस्या का समाधान होगा। जो पौधे लगाए जाएं, उनकी पूरी देखभाल व सुरक्षा भी की जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विगत वर्षों में लगाए गए पौधों के संरक्षण को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव वन सुधीर गर्ग ने बताया कि पौधारोपण के लिए रणनीति तैयार कर ली गई है। सभी 18 मंडलों को पौधारोपण लक्ष्य आवंटित किए जा चुके हैं। पौधाशालाओं की तैयारी वन विभाग कर रहा है।

सौ साल से पुराने पेड़ किए जाएं संरक्षित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 100 वर्षों से अधिक आयु के वृक्षों को चिह्नित कर उन्हें हेरिटेज ट्री के रूप में संरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। इन वृक्षों के बारे में आम जनता को बताकर उन्हें जागरूक किया जाए।

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