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कोरोना बदलेगा सार्वजनिक परिवहन की तस्वीर, जानें लॉकडाउन खुलने के बाद यूपी में क्या पड़ेगा असर...

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. कोरोना वायरस भविष्य में सार्वजनिक परिवहन की भी तस्वीर बदलने जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम पर दिखाई देगा। लॉकडाउन खुलने के बाद जैसे ही बसें संचालित होंगी तो परिवहन निगम के सामने कई चुनौतियां भी होंगी। शारीरिक दूरी के मानक को अपनाते हुए बसें 30 फीसद क्षमता पर ही चल सकेंगी। ऐसे में किराया बढ़ने की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। वैसे संक्रमण के डर से ज्यादातर लोग सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करने में बचने की कोशिश भी करेंगे। इसे भी ध्यान में रखकर परिवहन निगम भविष्य की रणनीति तैयार कर रहा है। 

यूं तो लॉकडाउन खुलने के बाद भी सार्वजनिक परिवहन जैसे हवाई जहाज, ट्रेन, मेट्रो औैर बसों में बहुत कुछ बदला-बदला नजर आएगा। केंद्र सरकार भी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार कर रही है। वहीं, राज्य सरकार ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। परिवहन निगम प्रत्येक बस स्टेशन पर कोविड-19 हेल्प डेस्क स्थापित करेगा। इसके जरिये यात्रियों की मदद की जाएगी। प्रत्येक बस व बस स्टेशन को प्रतिदिन सैनिटाइज किया जाएगा। इसमें कोई चूक न हो इसलिए इसकी निगरानी मोबाइल एप के जरिए की जाएगी। परिहन निगम इस एप को बनवा रहा है। इसमें बस व बस स्टेशन के सैनिटाइजेशन की फोटो व वीडियो अपलोड करना होगा। ऐसे में बसें न सिर्फ अधिक साफ-सुथरी होंगी बल्कि बस स्टेशनों की भी व्यवस्था पहले से बेहतर होगी।

परिवहन निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती शारीरिक दूरी के मानकों के पालन की है। यदि 30 फीसद क्षमता पर बसों का संचालन हुआ तो इससे परिवहन निगम को हर महीने 200 से 250 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इस नुकसान की भरपाई कहां से होगी फिलहाल इस पर मंथन चल रहा है। एक साथ दो से तीन गुना किराया भी नहीं बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में कुछ नुकसान की भरपाई सरकार कर सकती है और कुछ भरपाई किराया बढ़ाने सहित दूसरे उपाय कर किए जा सकते हैं।

बचाव के उपाय कर होगा बसों का संचालन : कटारिया
यूपी में परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद बसों का संचालन बचाव के सभी उपाय अपनाते हुए पूरी सावधानी के साथ किया जाएगा। मास्क, शारीरिक दूरी व सैनिटाइजेशन के मानक अपनाए जाएंगे। बसों में यात्रा से पहले सभी की प्रारंभिक जांच की जाएगी। इसके लिए एक प्रोटोकॉल भी विकसित कर रहे हैं। केंद्र के जो भी निर्देश होंगे उनका भी कड़ाई से पालन किया जाएगा।

लोड फैक्टर के अनुसार बसों की संख्या होगी तय
प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह ने बताया कि लोड फैक्टर को देखकर ही बसों का संचालन होगा। जिन मार्गों पर यात्री अधिक होंगे वहां अधिक व जिनमें कम होंगे वहां कम बसें संचालित की जाएंगी। परिवहन निगम की 12,500 बसों में 15 से 16 लाख यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद यात्रियों की क्या स्थिति रहेगी इसे देखकर ही बसें संचालित की जाएंगी। जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी वैसे-वैसे बसों का संचालन भी बढ़ेगा।

निजी क्षेत्र के सार्वजनिक वाहनों पर भी पड़ेगा असर
शारीरिक दूरी के मानक का पालन निजी क्षेत्र के सार्वजनिक वाहनों को भी करना होगा। ऐसे में निजी सार्वजनिक वाहन भी किराया बढ़ा सकते हैं। हालांकि इसके लिए सरकार की इजाजत लेनी होगी। यह भी संभव है कि कोरोना वायरस से सहमी आम जनता लॉकडाउन खुलने के कुछ दिनों बाद तक सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करने से बचे।
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