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लॉकडाउन में बढ़ गया अंडे का काराेबार, ये हैं इसके फायदे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, इम्युनिटी बढ़ाने के साथ अंडा अब कारोबारियों की माली हाल भी सुधार रहा है। लॉकडाउन में भी स्थानीय स्तर उनके व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा है। पोल्ट्री फार्म से जुड़े किसान और कारोबारियों का व्यापार बढ़ गया है। पशुपालन विभाग के मुताबिक राजधानी में नौ पोल्ट्री फाॅर्म हैं जहां से हर दिन पांच लाख अंडे का कारोबार होता है। राजधानी में एक दिन में 20 से 25 लाख अंडे की खपत है। लाॅकडाउन की वजह से आवागमन और व्यापार बंद रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 से आम आदमी को लड़ने में उनकी इम्युनिटी बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया तो पशुपालन विभाग की ओर चिकन और अंडे की बिक्री का प्रयास शुरू किया गया।

पशुपालन निदेशक डॉ.यूपी सिंह ने बताया कि दो अप्रैल से चिकन और अंडे के कारोबार को बढ़ाने के एडवाइजरी जारी कर दी गई। ई पास और दूध के बूथों पर अंडे की बिक्री को बढ़ावा दिया तो अंडे के कारोबारियों को फायदा भी हुआ । दो अंडे में 15 फीसद प्रोटीन, 11 फीसद फैट, 143 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। दो अंडे का सामान्य दिनों में औसत खर्च 10 रुपये है।

खपत कम होने के साथ बंद हो गई आपूर्ति
लॉकडाउन में भले ही होटल, रेस्टोरेंट्स और सड़क के किनारे ठेलों पर काराेबार भले ही बंद हो गया हो, लेकिन घराें में सामान्य रूप से खपत जारी है। लॉकडाउन के पहले होटलों और रेस्टोरेंटों के साथ सड़क के किनारे अंडे के ठेलों को मिलाकर करीब 20 लाख अंडो की बिक्री हर दिन हाेती है थी जो बंद है। राजधानी में लॉकडाउन के पहले व बाद में पांच से छह लाख अंडो का उत्पादन जारी है। बाहर से अंडा आ नहीं पा रहा है। ऐसे में राजधानी का पूरा अंडा बिक रहा है। जिसका फायदा राजधानी के कारोबारियों को हो रहा है।

ऐसे बढ़ता-घटता है दाम
मांग के सापेक्ष जिस दिन अंडा कम होता है उस दिन दाम बढ़ जाता है। रिटेल एक रुपये दाम बढ़ने पर फार्म के किसान को 10 पैसे प्रति अंडा अधिक मिलता है। 3.40 रुपये से 3.50 रुपये प्रति अंडा मिलता है। इनका पूरे साल का कांट्रेक्ट रहता है। कांट्रेकर चार रुपये में थोक दुकान पर अंडा देता है। थोक विक्रेता 20 से 30 पैसे प्रति अंडा अधिक लेकर रिटेलर को बेचता है। दुकानदार पांच से छह रुपये में अंडा बेचता है। सबसे ज्यादा फायदा रिटेलर को होता है। अंडे का बाजार का भाव हर दिन हरियाणा के बरवाला और हैदराबाद की मंडी में खुलता है वह रेट पूरे देश में माना जाता है।

लेकिन चिकन को लगा झटका
लखनऊ के सबसे बड़े पोल्ट्री फार्म के संचालक और पोल्ट्री फार्मस ब्रोइलर्स वेल्फेयर फेडरेशन के अध्यक्ष एफएम शेख ने बताया कि अंडे के फार्म के मुकाबले चिकन के फार्म ज्यादा है। अंडे को तो दूध के बूथों पर बेचा जा रहा है, लेकिन चिकन का करोबार अभी शुरू नहीं हुआ है। राजधानी में पांच से अधिक फार्म हैं। सात करोड़ चूजे प्रदेश में पलते हैं और एक हजार चूजा एक परिवार की रोजी रोटी चलाता है। सरकार इस पर भी जरूर ध्यान देगी।

पराग बूथों पर बिक रहा अंडा
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी टीएस यादव ने बताया कि किसानों को फायदा देने के लिए राजानी के पराग बूथों पर अंडे की बिक्री कराई जा रही है। प्रति अंडा एक रूपये कमीशन भी दिया जा रहा है। छह रूपये में अंडा मिल रहा है। खुले बाजार की दरों में अंतर है।
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