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गाजीपुर: कोरोना से लड़ने और इम्युनिटी बढ़ाने वाले गिलोय जड़ी की मांग बढ़ी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर, खानपुर। इम्युनिटी बढ़ाने वाले अमृत गिलोय की मांग इस समय बढ़ गई है। सिधौना गांव के नंदलाल मिश्रा कहते है कि दरवाजे के सामने नीम के पेड़ पर चढ़े गिलोय के तने के लिए प्रतिदिन दर्जनों लोग आते हैं। 25 से 30 मीटर तना रोज काटकर बांटा जा रहा है। प्रकृति के इस अनमोल उपहार की रखवाली करने के साथ ही मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गिलोय के तने को मुफ्त में सबको उपलब्ध कराया जा रहा है। 

आयुर्वेदिक चिकित्सक रजनीश यादव बताते हैं कि देश के कई हिस्सों में पाया जाने वाला गिलोय या टीनोस्पोरा एक पर्णपाती वृक्ष है। आयुर्वेदिक और पारंपरिक औषधि प्रणाली में अनेक उपचारों एवं स्वास्थ्यव‌र्द्धक लाभों के लिए इस जड़ी बूटी को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। नीम के पेड़ पर चढ़े गिलोय को सर्वोत्तम माना जाता है। आयुर्वेद में इसे रसायन के तौर पर जाना जाता है क्योंकि इसमें शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार लाने की क्षमता होती है। गिलोय या गुडूची बहुवर्षीय लता होती है। इसके पत्तों का आकार पान के पत्तों की तरह होता है। गिलोय को डेंगू, मलेरिया, तीव्र ज्वर (बुखार) आदि के लिए सर्वोत्तम औषधि माना गया है। गिलोय के अधिकतर औषधीय गुण इसके तने में मौजूद होते है लेकिल इसकी पत्तियां, फल और जड़ का भी औषधीय उपयोग किया जाता है।
 
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