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वाराणसी में श्रीकाशी विश्‍वनाथ की सप्तऋषि आरती करने से प्रशासन ने रोका तो अर्चकों ने सड़क पर की पूजा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी, बाबा दरबार में सप्तर्षि आरती के लिए मंदिर में जाने से रोके जाने पर गुरुवार को पूर्व महंत परिवार के सदस्यों ने सड़क पर ही पूजन- अनुष्ठान शुरू कर दिया। पार्थिव शिवलिंग बना कर विधिवत आरती भी उतारी। वहीं मंदिर प्रशासन ने अपने नियमित अर्चकों से गर्भगृह में सप्तर्षि आरती कराई।

पूर्व महंत परिवार के सदस्य गुरुवार शाम सप्तर्षि आरती के लिए पूजन सामग्री लेकर विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। सुरक्षाकर्मियों ने एसपी ज्ञानवापी द्वारा प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने की जानकारी देते हुए उन्हें ढूंढिराज गेट रोक दिया। आरती के मुख्य अर्चक गुड्डू महाराज ने इस संबंध में एसपी ज्ञानवापी से बात की तो अर्चकों को गेट नंबर चार पर बुलाया गया। वहां भी प्रवेश न मिलने पर अर्चकों ने सड़क पर ही पाॢथव शिवलिंग बना कर सप्तर्षि आरती शुरू कर दी। यह दृश्य देख आसपास के लोग हैरत में पड़ गए। कुछ ही देर में इसका वीडियो भी वायरल होने लगा।

दरअसल, पूर्व महंत परिवार के सदस्यों ने रेड जोन स्थित कैलाश महादेव मंदिर बुधवार को क्षतिग्रस्त किए जाने का आरोप लगाया था। इससे संबंधित खबरें मीडिया में आने के बाद मंदिर प्रशासन ने गुरुवार को आनन-फानन अर्चकों के परिसर प्रवेश पर रोक लगा दी। सीईओ विशाल सिंह का कहना था कि जांच में पाया गया कि मंदिर पर वर्षों से घर बना कर उसकी भव्यता को ढक दिया गया था। शिखर तोडऩे और आमजन के बीच मंदिर प्रशासन की छवि धूमिल करने की सप्तर्षि आरती करने वाले महंत परिवार के गुड्डू महाराज के नेतृत्व में साजिश की गई थी। हकीकत बताने के बाद भी मानने के बजाय वे खुद को सच साबित करने में लगे रहे। इसे देखते हुए मंदिर प्रशासन ने मंदिर में तैनात अर्चकों से सप्तर्षि आरती कराने का निर्णय ले लिया।

उधर, पूर्व महंत परिवार के सदस्य गुड्डू महाराज का कहना रहा कि बुधवार को कैलाश मंदिर क्षतिग्रस्त दिखने पर महंत परिवार अध्यक्ष डा. कुलपति तिवारी, मंदिर सीईओ विशाल सिंह व एसएसपी प्रभाकर चौधरी को सूचना दी थी। महंत अध्यक्ष डा. कुलपति तिवारी ने कहा कि बाबा की सप्तर्षि आरती महंत परिवार 300 वर्षों से करता आ रहा है। मंदिर के अर्चकों से सप्तर्षि आरती कराना परंपरा के साथ छेड़छाड़ है। उन्होंने सीईओ द्वारा एसपी सुरक्षा को जारी पत्र में लॉकडाउन नियम तोडऩे के आरोप को बेबुनियाद बताया। कहा बुधवार को भी सात ही सदस्य आरती के लिए गए थे। मंदिर प्रबंधन लगातार कैलाश मंदिर विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन को देने का दबाव बना रहा है। बात न मानने पर समय-समय पर कई बार महंत परिवार के सदस्यों को सप्तर्षि आरती से रोकने का प्रयास किया जा चुका है।

डीएम बोले लॉकडाउन उल्लंघन
सड़क पर पूजा-अनुष्ठान किए जाने को डीएम ने लॉकडाउन का उल्लंघन करार दिया। कहा किसी भी प्रकरण को सौहार्द से हल किया जाना चाहिए था। कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जाए जिससे अफवाह फैले। उल्लंघन के परिप्रेक्ष्य में जांच की जा रही है। 

प्रशासन ने आस्‍था की विरासत को किया तार-तार
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक अजय राय ने बाबा विश्वनाथ की सप्तर्षि आरती पर प्रशासन द्वारा परंपरा ध्वंस की आज की कार्रवाई को काशी की धार्मिक आस्था एवं संस्कृति की स्थापित विरासत के साथ खिलवाड़ का हठ करार देते हुये मंदिर प्रशासन के रवैये की कड़ी निन्दा की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को काशी की जन आस्था की विरासत और बाबा विश्वनाथ की अर्चना की शताब्दियों से स्थापित मर्यादा को इस तरह तार तार करने कि कोई अधिकार नहीं है।पूर्व विधायक ने कहा है कि मंदिर प्रशासन श्री काशी विश्वनाथ  से जुड़ी सदियों पुरानी परम्पराओं को उलट पुलट करने कि कोई अधिकार नहीं रखता। उसकी भूमिका मंदिर के स्वामी की नहीं, उसके प्रबन्धन में सहयोग तक संकुचित है। अपनी सीमा का अतिक्रमण कर आज प्रशासन ने जिस तरह से बाबा विश्वनाथ की अर्चना की स्थापित परम्परा को सड़क पर उतार दिया, वह शर्मनाक और निन्दनीय है। काशी के लोग बाबा से जुड़ी परम्पराओं के ध्वंस को कभी भी सहन  नहीं करेंगे। अत: यदि मंदिर प्रशासन ने आज की गलती के लिये खेद प्रकट कर  परंपरा तोड़ने का परिमार्जन नहीं किया, सत्याग्रह के सभी संभव तरीकों से काशीवासी मुखर विरोध करेंगे।

 
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