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नेपाल की नदी ने भारत में मचाई तबाही, भारतीय क्षेत्र के गावों में घुसा पानी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर, नेपाल के पहाड़ों पर हो रही मूसलधार बारिश से नारायणी का जलस्तर लगातार बढऩे लगा है। इससे यूपी के कई जिलों में भारी तबाही की आशंका है। वाल्मीकिनगर बैराज से एक लाख 63 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़े जाने से कुशीनगर के भैंसहा गेज पर जलस्तर चेतावनी बिंदु 95.40 मीटर से अधिक हो गया। इससे नदी के उस पार बसे गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

यहां लोगों के घरों में घुसा पानी
बैराज से एक लाख 58 हजार तीन सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उसके बाद भैंसहा गेज पर जलस्तर 95.40 मीटर से घटकर 95.20 मीटर हुआ। कुशीनगर जिले के शिवपुर, हरिहरपुर, मरिचहवा व नारायनपुर के निचले भाग व सड़कों पर पानी भर गया है।

शिवपुर गांव में पट्टे की भूमि पर डाली गई कुछ झोपडिय़ों में भी दो से तीन फुट तक बाढ़ का पानी घुस गया है। शिवपुर-मरिचहवा मार्ग पर भी पानी भरा हुआ है।

प्रशासन ने शुरू की तैयारी
कुशीनगर के एसडीएम कोमल यादव का कहना है कि गंडक नदी उस पार के गांवों में बाढ़ से बचाव व राहत के लिए नाव आदि की व्यवस्था कराई गई है। राजस्वकर्मियों को भी लगाया गया है, अभी गांव के निचले हिस्से में ही पानी घुसा है। बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन मुकम्मल इंतजाम किए हुए है।
बाढ़ से कटा संपर्क मार्ग
इस बीच भैंसहा गेज पर जलस्तर चेतावनी बिंदु 95 से 10 सेमी. अधिक हो गया है। इससे बांध पर दबाव के साथ ही नारायणी उस पार बसे गांवों के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी घुस गया है। पानी के दबाव से महराजगंज जनपद की सीमा में सोहगीबरवा से बसंतपुर जाने वाली पक्की सड़क लगभग 15 मीटर कट चुकी है। कुशीनगर की सीमा में शिवपुर-मरिचहवा गांव को जोड़ने वाली संपर्क सड़क 10 मीटर कट गई। आवागमन के लिए लोग नाव का प्रयोग कर रहे हैं। दियारा इलाके के आधा दर्जन गांव व पुरवों का संपर्क मुख्य मार्ग से पूरी तरह से कट चुका है। टापू बने इन गांवों के लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है।
अमवाखास बांध पर बढ़ा दबाव
नारायणी के डिस्चार्ज में बढ़ोत्तरी होने की वजह से ओवरफ्लो पानी ने फसलों को डुबोते हुए बरवापट्टी के किमी जीरो से लेकर लक्ष्मीपुर किमी 900 सौ तक बिहार सीमा के समीप अमवाखास बांध पर दबाव बढ़ा दिया है। लक्ष्मीपुर गांव के सामने छतिग्रस्त बांध की मरम्मत के लिए छह परियोजनाओं का कार्य अभी पूर्ण नहीं हो पाया है। किमी 800 से 900 तक नदी बांध से सटकर बह रही है। विभाग संवेदनशील प्वाइंटों पर कटान को रोकने के लिए कार्य में तेजी ला दिया है।

फ‍िलहाल बांध को कोई खतरा नहीं: एक्सईएन
अभी बांध पर नदी का विशेष दबाव नहीं है। सभी संवेदनशील प्वाइंटों पर बचाव कार्य तेज करा दिया गया है, कोई खतरा नहीं है। - भरत राम, अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड।
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