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यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा और विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों की छूटी वार्षिक परीक्षाएं जुलाई में होंगी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के साथ उत्तर प्रदेश में अब बीएड की प्रवेश परीक्षा और विश्वविद्यालयों की वार्षिक व सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू की जाएंगी। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने गुरुवार को निर्देश दिए कि बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा जुलाई के किसी भी रविवार को आयोजित की जाए। जरूरत के अनुसार बीएड की प्रवेश परीक्षा के लिए दूसरे राज्यों में भी परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। इस दिन कोई भी विश्वविद्यालय व कॉलेज अपने यहां परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगा। शारीरिक दूरी के मानकों का पालन और सैनिटाइजेशन की पुख्ता व्यवस्था के साथ परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। मुख्य सचिव ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक उच्च शिक्षा और डीएम व मंडलायुक्त को दिए।

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों की वार्षिक परीक्षाएं और सेमेस्टर परीक्षाएं भी 30 जून के बाद यानी जुलाई में आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए जरूरत के अनुसार सभी जिलों में विश्वविद्यालय परीक्षा केंद्र बनाएंगे ताकि शारीरिक दूरी के नियमों का पालन आसानी से हो सके। परीक्षा केंद्र का सैनिटाइजेशन करवाने के साथ-साथ यहां तैनात शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारियों को फेस कवर और फेस मास्क अनिवार्य रूप से पहनना होगा।

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने निर्देश दिए हैं कि परीक्षा केंद्र पर आने वाले विद्यार्थियों व ड्यूटी पर तैनात शिक्षक और कर्मियों की इंफ्रारेड थर्मामीटर से स्क्रीनिग की जाएगी। प्रवेश पत्र के आधार पर ही परीक्षा केंद्र पर विद्यार्थियों को जाने की अनुमति दी जाएगी। मालूम हो कि इस बार बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय कर रहा है। इसमें करीब साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।

बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए केंद्र बदलने का अंतिम मौका : यूपी बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) 2020 के परीक्षा केंद्र बदलने का आवेदन शुक्रवार तक किया जा सकेगा। राज्य प्रवेश समन्वयक प्रोफेसर अमिता बाजपेई ने बताया कि अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट lkouniv.ac.in पर जाकर परिर्वतन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 की वजह से पैदा हुए हालातों को ध्यान में रखते हुए संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड 2020 के सभी अभ्यॢथयों को नए केंद्रों का चयन करने का विकल्प दिया जा रहा है। ऐसे में अगर अभ्यर्थी को लगता है कि उसे विकल्प में बदलाव करना है तो वह परिर्वतन कर सकता है।

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