लखनऊ, वाराणसी समेत 10 जिलों में खोले गए विजिलेंस के थाने
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। भ्रष्ट सरकारी अफसरों और कर्मचारियों पर शिकंजा कसने के लिए लखनऊ समेत प्रदेश के 10 विजिलेंस सेक्टरों में थाने खोले गए हैं। इन थानों में वही मुदकमे दर्ज किए जायेंगे जिनकी शासन के आदेश पर विजिलेंस से विवेचना की जा रही है। बरेली में थाना खोलने के साथ ही प्रभारी व स्टाफ की तैनाती कर दी गई है।
विजिलेंस के मुकदमों व जांच की गोपनीयता के मद्देनजर कई सालों से थानों के प्रस्ताव शासन को भेजे जा रहे थे। जनवरी 2019 में योगी कैबिनेट ने विजिलेंस के सेक्टर में थाने खोलने की मंजूरी दी थी। वर्तमान डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी उस वक्त विजिलेंस के एडीजी थे। उनके डीजीपी बनते ही विजिलेंस के थाने खोले की जाने की कवायद तेज हो गई। जून की शुरुआत में ही बरेली समेत विजिलेंस सेक्टर में दस थाने खोल दिये गए हैं। बरेली में इंस्पेक्टर शैलेश त्यागी को थाना प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा रिश्वत लेने वाले भ्रष्ट अफसरों को ट्रेप करने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बरेली में नगर निगम के भ्रष्टाचार की होगी पहली रिपोर्ट
विजिलेंस के थानों में शासन के आदेश पर ही मुकदमा दर्ज किया जायेगा। बरेली विजिलेंस सेक्टर नगर निगम के भ्रष्टाचार की जांच कर रहा है। नगर निगम के पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा पर डोर टू डोर कूड़ा घोटाले और अवैध तरीके से स्लाटर हाउस चलवाने के आरोप में शिकायत की गई थी। इसमें नगर निगम के अफसरों ने लाखों का घोटाला किया। विजिलेंस की जांच में वह दोषी पाए गए हैं। शासन के आदेश पर विजिलेंस थाने में पहला मुकदमा निगम भ्रष्टाचार का ही दर्ज किया जायेगा।
जोनल और रेंज मुख्यालय पर खुले विजिलेंस के थाने
लखनऊ, कानपुर, मेरठ, आगरा, गोरखपुर, इलाहाबाद, फैजाबाद, झांसी, वाराणसी व बरेली सेक्टर
विजिलेंस थानो में न हवालात न संतरी
सामान्य थानों से विजिलेंस के थाने अलग होंगे। विजिलेंस के थानों में हवालात और संतरी की व्यवस्था नहीं है। थाने का कोई स्थायी पता भी नहीं है। विजिलेंस सेक्टर के सभी दफ्तर उधार की या किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं। पूर्व में विजिलेंस के निदेशकों द्वारा थाने बनाने के जो प्रस्ताव शासन को भेजे गए थे उनमें पते के रूप में किराए की बिल्डिंग का जिक्र था।
एटीएस, एसआईटी और साइबर के हैं अपने थाने
यूपी में एटीएस, एसआईटी और ईओडब्ल्यू के अपने थाने हैं। इसके अलावा रेंज मुख्यालय पर साइबर थाने भी खोले गए हैं। ईओडब्ल्यू के सेक्टर को भी थानों के रूप में मंजूरी दी गई है। सीबीसीआईडी और एंटी करप्शन के भी अपने थाने खोले जाने की कवायद चल रही है।
