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किर्गिस्तान में फंसे MBBS करने गए उत्तर प्रदेश के 190 छात्र, 'वंदे भारत' मिशन में भी नहीं मिल पाई सहायता

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर। कोरोना महामारी के कारण उत्तर प्रदेश से एमबीबीएस करने गए 190 छात्र किर्गिस्तान में फंसे हुए हैं। इनमें पूर्वांचल के 80 तथा गाजीपुर के भी पांच छात्र हैं। लॉकडाउन के बाद मेडिकल कालेज, कोचिंग बंद हैं। हॉस्टल भी खाली हो गए हैं। इन छात्रों की दो महीने से वतन वापसी की हर कोशिश बेकार साबित हुई है। 

केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार भी इस मुद्दे पर खामोश हैं। जबकि छात्र ई-मेल, फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर के जरिये गृह मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के सीएम और डीजीपी को समस्या बता चुके हैं। कोरोना काल में अपनों से दूर एमबीबीएस के ये छात्र एक-एक दिन सुबकते हुए गुजार रहे हैं।


केंद्र सरकार ने ‘वंदे भारत' मिशन शुरू कर विदेश में फंसे छात्रों को कम खर्च में देश लाने की व्यवस्था की थी। इन छात्रों को भी भारत वंदे मिशन यात्रा से उम्मीद थी। छात्रों को आश्वासन भी मिला कि जल्द सबको घर भेजा जाएगा। लेकिन वहां फंसे कुछ छात्रों को ही यह सुविधा मिल सकी। 
विदेश में फंसे छात्रों की वतन वापसी के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा जाएगा। - आनंद स्वरूप शुक्ला, प्रभारी मंत्री
गाजीपुर के अब्दुल खालिद खान, निवासी बारा, थाना दिलदारनगर, मनीष कुमार सिंह निवासी भदौरा, थाना गहमर के साथ ही सेवराई तहसील के सैफ अली खान, अब्दुल बसीत खान और मुजफ्फर अंसारी वहां फंसे हैं। पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों में 80 छात्र वहां हैं। जबकि पूरे प्रदेश के 190 से भी अधिक छात्र किर्किस्तान में हैं।


सबने घर आने की इच्छा जताई है, लेकिन कोई सुविधा न मिलने के कारण सभी हताश और निराश हैं। सबने गृह मंत्रालय से लेकर परिवहन मंत्रालय तक से गुहार लगाई है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। छात्रों ने गाजीपुर कार्यालय से संपर्क कर बताया कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि निजी खर्च पर वहां से आ सकें।

 
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