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यूपी बोर्ड के छात्रों की दुविधा खत्म, 30% कम किया गया पाठ्यक्रम वेबसाइट पर उपलब्ध

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के संबद्ध कॉलेजों में पाठ्यक्रम 30 प्रतिशत घटाने का एलान उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा पिछले सप्ताह ही कर चुके हैं। अब छात्र छात्राएं वेबसाइट देखकर तैयारी करें कि उन्हें किस विषय का कौन पाठ नहीं पढ़ना है। सभी उसकी राह देख रहे थे। कोरोना संक्रमण के दौरान इसका असर प्रदेश भर के 27 हजार से अधिक कॉलेजों की पढ़ाई पर पड़ा है। यूपी बोर्ड के प्रस्ताव पर शासन में मंथन चला, अब विषयवार पाठ्यक्रम बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।

कोरोना के कारण उत्तर प्रदेश में अब तक स्कूल-कॉलेज नहीं खुल सके हैं, जिससे पढ़ाई बाधित है, शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से शुरू हो चुका है। यूपी शासन और बोर्ड प्रशासन ने छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए ऑनलाइन माध्यम को अपनाया। पढ़ाई न हो पाने से पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत कम किया गया है। ज्ञात हो कि यूपी बोर्ड में कई विषयों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू हो चुका है।

यूपी बोर्ड ने शासन के निर्देश पर जून में ही शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय की देखरेख में पाठ्यक्रम घटाने के लिए बैठकें की थीं। पाठ्यचर्या समिति (पाठ्यक्रम बनाने वाले) के सदस्यों व विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद पाठ्यक्रम कम करने का प्रस्ताव भेजा। इसमें हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अहम विषयों में पाठ्यक्रम कम करने व कक्षा नौ व ग्यारह का सिलेबस घटाया गया है। यह पत्रावली अनुमोदन के बाद शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने बोर्ड भेज दी है। आदेश निर्गत होने के बाद बोर्ड प्रशासन विषयवार घटाए गए पाठ्यक्रम को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है, ताकि छात्र-छात्राएं, शिक्षक व अभिभावक उससे अवगत हो सकें। उधर, यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि पाठ्यक्रम घटाने का निर्णय हो गया है, उसका अनुपालन कराया जा रहा है। पूरा ब्योरा वेबसाइट पर है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) द्वारा संचालित स्कूलों में कक्षा छह से इंटरमीडिएट तक के पाठ्यक्रम को 30 फीसद कम कर दिया गया है। कोरोना आपदा के चलते वर्तमान शैक्षिक सत्र में ऑनलाइन कक्षाएं ही जैसे-तैसे पढ़ाई जा रही हैं। वहीं सरकारी स्कूलों के कई विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन कक्षाएं पढ़ने के लिए पर्याप्त संसाधन भी नहीं हैं। ऐसे में पाठ्यक्रम घटाए जाने से विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिल गई है।

किताबें नहीं खरीद रहे छात्र-छात्राएं : कॉलेजों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षा फार्म भरे जाने और कक्षा 9 व 11 का पंजीकरण शुरू होने के बाद भी किताबों की खरीद रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। प्रकाशकों का कहना है कि बाजार में किताबें डंप हैं अब तक करीब 25 प्रतिशत की ही बिक्री हो सकी है, जबकि पिछले वर्षों में यह आंकड़ा काफी अधिक रहा है। इसकी वजह कालेजों का बंद होना है।

स्क्रूटनी के लिए आवेदन का कल तक मौका : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में स्क्रूटनी के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 22 जुलाई है। इच्छुक अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन करें।
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