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बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के घर पहुंचा कोरोना, बेटा-भाई समेत चार पॉजिटिव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया। बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के परिवार के चार लोगों तक कोरोना पहुंच गया है। शुक्रवार को आयी 202 लोगों की रिपोर्ट में सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त के बेटे विपलेन्दु प्रताप सिंह, उनके भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख कन्हैया सिंह, भतीजा के अलावा तीन साल की मासूम नातिन भी शामिल है। इनके अलावा संसदीय कार्यालय के एक कर्मचारी के भी संक्रमित होने की सूचना है। हालांकि सभी पूरी तरह स्वस्थ हैं और होम आइसोलेशन में हैं। एक दिन पहले सांसद के निजी सचिव की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। इसके बाद सांसद के परिवार के सदस्यों का सैम्पल लिया गया था। शुक्रवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है। 

जेल के 132 बंदियों समेत 202 पॉजिटिव
जिला जिले में शुक्रवार को कोरोना का अबतक का सबसे बड़ा अटैक हुआ। पहली बार एक दिन में 202 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। संक्रमितों में सबसे अधिक संख्या जिला कारागार के 132 बंदियों की है। तीन दिनों के अंदर जेल के 160 कैदी कोरोना की जद में आ चुके हैं। ताजा आंकड़ों के बाद जनपद में अब तक 1141 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 636 रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। मौत का आंकड़ा भी शुक्रवार को नौ से बढ़कर 13 हो गया। हालांकि ये चार मौतें पिछले दिनों अलग-अलग तिथियों में हुई हैं।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को आयी जांच रिपोर्ट में 202 लोग पॉजिटिव पाये गये। इनमें जेल के 132 कैदी शामिल हैं। इसके अलावा बाकी 70 संक्रमितों में शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों के लोग शामिल हैं। बताया जाता है कि जिला कारागार के करीब 594 कैदियों की सैम्पलिंग की गयी थी। इसके बाद बुधवार को आयी रिपोर्ट में 28 पॉजिटिव पाये गये थे, जबकि शुक्रवार को 132 कैदियों में कोरोना का संक्रमण होने की पुष्टि हुई। इसके बाद अधिकारियों में खलबली मच गयी तथा संक्रमित बंदियों के लिये जेल के अंदर अलग आइसोलेशन वार्ड बनाया गया। जेल प्रशासन ने उन बैरकों व स्थानों को सील कर दिया है जहां पर संक्रमित बंदी रहते थे। जेल के अधिकारियों की मानें तो जेल के सभी बंदियों को गर्म पानी तथा संक्रमितों को काढ़ा दिया जा रहा है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये आयुर्वेदिक दवाएं भी मंगायी गयी हैं, जिन्हें पीड़ित बंदियों को दिया जा रहा है।

जेल में तीन-तीन डॉक्टर, फार्मासिस्ट व नर्स की तैनाती
जिला जेल में 160 बंदियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद उनके लिये दवा व इलाज का प्रबंध किया गया है। बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जेल के कैदियों के लिये तीन डॉक्टरों, तीन फार्मासिस्टों व तीन स्टाफ नर्सो की तैनाती की है। अस्पताल में पहले से तैनात डॉक्टर व कर्मचारी फिलहाल समान्य बंदियों का उपचार करेंगे।

कोरोना से चार मौतों को दबाए रहा प्रशासन!
जिले में कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच एक ओर प्रशासन लोगों को लगातार अलर्ट कर रहा है, जरूरी निर्देश दे रहा है, जांच के लिए आगे आने की अपील कर रहा हैं, वही दूसरी ओर खुद ही कोरोना से जुड़े आंकड़ों में कलाबाजी कर रहा है। यहां तक कि महामारी से हुई मौत की रिपोर्ट की भी दबाकर रखा जा रहा है। गुरुवार तक जिले में कोरोना से सिर्फ नौ लोगों की मौत का आंकड़ा था लेकिन शुक्रवार को जब कोरोना बुलेटिन जारी हुई तो यह संख्या अचानक 13 पहुंच गयी। गंभीर बात यह कि ये मौतें कई दिन पहले अलग-अलग तिथियों में हुई है।
माना जा रहा है कि वाराणसी में कोरोना से जुड़े आंकड़े छिपाने के मामले में जिला सर्विलांस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के बाद सही आंकडे़ बाहर आए हैं।

जनपद में कोरोना संक्रमित पहला रोगी 10 मई को मिला था। इसके बाद पीड़ितों की संख्या में दिनों-दिन इजाफा होता गया। प्रशासन की ओर से जारी कोरोना बुलेटिन के अनुसार जिले में कोरोना से पहली मौत 28 जून को हुई। इसके बाद एक जुलाई को दूसरी मौत हो गयी। इसके बाद जुलाई महीने के 11, 12 व 16 तारीख को दो-दो तथा 15 को तीन लोगों की कोरोना से जान चली गयी। इसके बाद 20 व 21 जुलाई को एक-एक पीड़ित की मौत के साथ मरने वालों का आंकड़ा 13 हो गया, जबकि स्वास्थ्य विभाग गुरुवार तक यह संख्या नौ होने का दावा करता रहा। माना जा रहा है कि वाराणसी में सर्विलांस अधिकारी के खिलाफ जांच व कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 मौत की सूची जारी की गयी। लोगों का कहना है कि अधिकारी चार मौत को अब तक दबाये रखे थे।
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