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संतों को शामिल करने के लिए श्रीराम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में फेरबदल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, अयोध्या। अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले श्रीराम मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन के कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर है। इस कार्यक्रम को भव्य रूप से मनाने के लिए दिन-रात काम चल रहा है। हालांकि, 5 अगस्त को होने वाले आयोजन में फेरबदल किया गया है। अब आयोजन स्थल पर संस्कृति विभाग की ओर से प्रदर्शनी नहीं लगाई जाएगी। संत-महात्माओं और अन्य प्रमुख लोगों के बैठने के लिए आयोजन स्थल पर अब दो पंडाल बनेंगे। इनमें करीब 600 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। पंडालों में कुर्सियां सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए लगाई जाएंगी। 

सूत्रों के अनुसार, यह फैसला अयोध्या के संत महात्माओं की शिकायत के बाद लिया गया है। संतों को आयोजन में शामिल न हो पाने पर अपनी उपेक्षा का मलाल था। पहले आयोजन स्थल पर सिर्फ 200 लोगों के लिए व्यवस्था की जा रही थी, मगर विभिन्न अखाड़ों, मठों व मंदिरों के संतों को इस ऐतिहासिक आयोजन से सीधे रूबरू होने का अवसर नहीं मिल पा रहा था।


सवा ग्यारह बजे पहुंचेंगे पीएम 
आयोजन स्थल पर एक छोटा मंच भी बनेगा जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और अयोध्या ट्रस्ट के प्रमुख चंपतराय लोगों को संबोधित करेंगे। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री 11.15 पर अयोध्या पहुंचेंगे और वहां करीब 3 घंटे रहेंगे। अयोध्या आगमन के तत्काल बाद वे रामलला के अस्थायी मंदिर में दर्शन करेंगे, उसके बाद हनुमानगढ़ी जाएंगे और फिर आयोजन स्थल पहुंचेंगे। 

संस्कृति विभाग ने अयोध्या के  घाटों और मंदिरों को उस दिन दीपों से जगमगाने की तैयारी तेज कर दी है। उस दिन वहां दीपोत्सव की ही तरह का नजारा होगा। इससे पहले पार अगस्त को अयोध्या के हर प्रमुख मंदिर परिसर में अखंड रामायण पाठ शुरू होगा जो अगले दिन भूमि पूजन पर सम्पन्न होगा। 


पांच अगस्त से पहले ही शुरू हो जाएंगे कार्यक्रम
पांच अगस्त को भूमि पूजन से पहले ही पूजन स्थल पर सावन शुक्ल पूर्णिमा तदनुसार तीन अगस्त से वैदिक आचार्यों के निर्देशन में पंचांग पूजन का शुभारम्भ किया जाएगा। चार अगस्त को पुन: रामार्चा का पूजन किया जाएगा। जबकि पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य पूजन करेंगे। इसी क्रम में मंदिर-मंदिर अनुष्ठान शुरू होगा। इस अनुष्ठान के अन्तर्गत सभी मंदिरों में श्रीरामचरितमानस का संकल्पित अखंड रामायण पाठ शुरू होगा। इसकी पूर्णाहुति चार अगस्त को होगी।

इसके बाद पांच अगस्त को भूमि-पूजन के निर्धारित मुहूर्त पर दोपहर साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे के मध्य हरि संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। अयोध्या के प्रत्येक मंदिर व घर में यह आयोजन सुनिश्चित कराने के लिए विहिप के केन्द्रीय पदाधिकारी व संतों की संयुक्त टीम स्थान-स्थान पर योजनाबद्ध ढंग से सम्पर्क कर रही है। यह टीम सम्बन्धितों से यह आग्रह भी कर रही है कि पांच सौ वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आई इस शुभ घड़ी पर अधिक से अधिक स्थानों पर सामूहिक आयोजन हों जिससे किसी भी प्रकार की आशंका निर्मूल सिद्ध हो जाए और जनमानस भी आनंदित हो।

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