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उत्तर प्रदेश के सभी प्राइवेट अस्पतालों में कोविड वार्ड बनाने की तैयारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या से चिंतित प्रदेश सरकार सभी निजी अस्पतालों एक हिस्से को कोविड अस्पताल में बदलने की तैयारी कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने लखनऊ समेत बड़े शहरों में इसकी शुरुआत भी कर दी है। अब चाहें हृदय रोग हो या हड्डी रोग या अन्य रोग सभी अस्पतालों को अपना कुछ हिस्सा कोविड अस्पताल बनाना होगा। इसके साथ ही सरकारी मेडिकल कालेजों और सरकारी अस्पतालों के प्राइवेट वार्डों के बेडों  पर कोरोना मरीजों को भर्ती किए जाने की तैयारी की जा रही  है। 

सरकारी अस्पतालों में मैनपॉवर की कमी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक लाख 51 हजार बेड तैयार करने के निर्देशों के तहत स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग एक लाख 51 हजार बेड तैयार करने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि  अस्पतालों समेत सरकारी व छोटे निजी मेडिकल कॉलेजों में अब कोविड तैयार करने की जगह नहीं बची है।  इसके अलावा अस्पतालों और मेडिकल कालेजों के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का एक बड़ा हिस्सा इन कोविड अस्पतालों में लगा है। बाकी अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कालेजों में शुरू हो चुकी इमरजेंसी व आवश्यक सेवाओं में ड्यूटी पर लगा है। अब कोविड अस्पतालों के लिए मैनपॉवर की समस्या सामने आ रही है। नए वेटीलेंटर लग जाएं तो उन्हें संचालित करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ की कमी है। 

निजी अस्पतालों को दिए गए दिशा-निर्देश
ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने में अब निजी अस्पताल के बेड और उनके यहां डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम का ही सहारा है। इसके लिए सीएमओ के ऑफिस से निजी अस्पतालों के संचालकों को अपने अस्पताल के एक हिस्से में कोविड अस्पताल बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्हें दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें अस्पताल में 24 घंटे तीन पालियों में एक-एक डाक्टर, दो नर्स और एक फार्मासिस्ट की व्यवस्था करनी होगी। ऑक्सीजन के छह सिलेण्डर अपने अस्पताल में रखने होंगे। हालत गंभीर होने पर मरीज को वेंटीलेटर की सुविधा दी जाए। वेंटीलेटर न होने पर उन्हें सरकारी एल-2 और एल-3 के अस्पताल में भेजा जाए। 

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