नारियल उत्पादन में तमिलनाडु को टक्कर देगा उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल के 24 जिलों शुरू हुई तैयारी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. नारियल के पौधों व फल के लिए अब तामिलनाडु व गोवा पर निर्भर नहीं रहना होगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश में उसकी बेल्ट तैयार होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष प्रयास पर कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) बेलीपार ने 55 सौ नारियल के पौधों की नर्सरी तैयारी की है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के के गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर सहित 24 जिलों के केवीके को बेलीपार से ही नारियल के पौधे भेजे जाएंगे। ताकि वहां भी किसानों को इसका पौधा रोपने के लिए तैयार किया जा सके।
वर्ष 2019 मार्च में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह गोरखपुर व आसपास के जिलों में नारियल उप्तादन की संभावना को देखते हुए केवीके बेलीपार को नारियल उत्पादन के लिए निर्देश दिया था। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे लेकर गंभीर हुए और उनके विशेष प्रयासों के चलते जून 2019 में कोकोनट विकास बोर्ड पटना के माध्यम से यहां नारियल नर्सरी डाली गई।
ऐसे रोपें नारियल के पौधे
पौधा लगाते समय उसमें प्रति पौधा 1 घन मीटर का गड्ढा खोदकर उसमें गोबर की सड़ी खाद व कीटनाशी मिट्टी में मिलाना आवश्यक है। साथ ही जब पौधा रोपण करें तो उसमें प्रति पौधा एक किलो ग्राम नमक गड्ढे में पौधे के चारों तरफ डालकर गड्ढे का भराव कर पौधा रोपण करें। उसके बाद पानी डालें। नारियल का पौधा उत्पादन के साथ-साथ सुंदरता को भी बढ़ाता है।
नारियल दिवस पर किसानों में वितरित होने थे पौधे
कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ सतीश कुमार तोमर ने बताया कि नारियल के पौधे 2 सितंबर को नारियल दिवस पर किसानों में वितरित करना था, मगर नारियल विकास बोर्ड की टीम 7 सितंबर को पौधों का निरीक्षण एवं सत्यापित करने केंद्र पर आ रही है। उसके बाद ही इन पौधों को किसानों में वितरित किया जाएगा।