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गाजीपुर: एंबुलेंस मैनेजर पुलिस हिरासत में, कोरोना के बीच एंबुलेंस चालक हड़ताल पर, सभी सेवाएं ठप

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. जिले में डीएम के निर्देश पर शुक्रवार की देर शाम कोतवाली पुलिस ने जिले के एंबुलेंस मैनेजर को हिरासत में ले लिया। इससे नाराज एंबुलेंस चालकों ने सेवाएं ठप कर रात में ही वाहन सहित मिश्र बाजार-कोतवाली मार्ग पर उग्र प्रदर्शन किया।
देर रात पुलिस ने उन्हें समझा- बुझाकर वापस भेज दिया। लेकिन एंबुलेंस चालकों ने चेतावनी दी है कि जब-तक मैनेजर को नहीं छोड़ा जाएगा, वह अपनी सेवाएं ठप रखेंगे। उधर डीएम के आदेश पर एंबुलेंस मैनेजर व प्रभारी पर मुकदमा दर्ज कर नौकरी से निकाले जाने का नोटिस भी तैयार कर दिया है।

पुलिस के अनुसार, लगभग एक सप्ताह पहले संक्रमित एसपी को लखनऊ जाने के लिए एंबुलेंस की तत्काल जरूरत थी, लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध कराने में काफी देर कर दी गई थी। तब सीएमओ ने एंबुलेंस मैनेजर और प्रभारी को डांट-फटकार लगाने के साथ दुर्व्यवहार भी किया था। तब कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया था।

उस समय मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। शुक्रवार की देर शाम डीएम के निर्देश पर एंबुलेंस मैनेजर को कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। इसकी जानकारी होते ही एंबुलेंस चालकों ने सेवा ठप कर कोतवाली परिसर में वाहन खड़ा कर प्रदर्शन किया। मामला तूल पकड़ते देख पुलिस अधिकारियों ने एंबुलेंस चालकों को समझा-बुझाकर रात में घर भेज दिया, लेकिन सुबह तक यह मामला शांत नहीं हुआ था। चालक एंबुलेंस मैनेजर को  छोड़ने की मांग अड़े हुए हैं।

जानकारी के अनुसार, एंबुलेंस मैनेजर को तब हिरासत में लिया गया, जब शुक्रवार को देर शाम स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्वास्थ्य समिति की डीएम के आवास पर बैठक आयोजित थी। बैठक किन्हीं कारणों से रद्द हो गई थी। वहां पहुंचे सीएमओ ने पुराने मामले में करवाई करने के लिए डीएम से आग्रह किया।

इसके बाद कार्यालय में मौजूद एंबुलेंस मैनेजर प्रवीण श्रीवास्तव को डीएम आवास पर बुलाया गया। फिर कोतवाली पुलिस को बुलाकर एंबुलेंस मैनेजर को हिरासत में लेने का निर्देश दिया गया।

इन दिनों गाजीपुर कोरोना संकट से जूझ रहा है। तेजी से बढ़ रहे कोरोना महामारी के बीच एंबुलेंस सेवाएं ठप होने से बड़ा संकट पैदा हो सकता है। ऐसे में एंबुलेंस सेवाएं ठप होने पर प्रशासन के लिए कोरोना संक्रमितों को पहुंचाना कठिन हो जाएगा। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमा बीच का रास्ता निकालने में जुट है।

फिलहाल एंबुलेंस मैनेजर को पुलिस हिरासत में ही रखा गया है। उधर सीएमओ का कहना है कि बीते दिनों एंबुलेंस मैनेजर द्वारा गलत तथ्य देकर एसपी को एंबुलेंस उपलब्ध कराने में देरी की गई थी। एंबुलेंस मैनेजर और एंबुलेंस प्रभारी पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ इनके जनरल मैनेजर से बात करके टर्मिनेट करने की संस्तुति कर दी गई है।

बेवजह एंबुलेंस मैनेजर को फंसा रहे अधिकारी
जिला एंबुलेंस प्रभारी रवि कुमार ने बताया कि बिना किसी ठोस कारण के ही एंबुलेंस मैनेजर को फंसाया जा रहा है। उन्हें जब तक नहीं छोड़ा जाता है, तब-तक एंबुलेंस सेवा ठप रहेगी। इसकी जानकारी रिजनल मैनेजर और लखनऊ को दे दी गई है।
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