महीना देने से इनकार करने पर किन्नर को थानेदार ने पीट दिया, उसके बाद...
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़ : यूपी पुलिस पर उत्पीड़न और अवैध वसूली के आरोप अक्सर लगते रहते हैं. पर उनकी कार्य-संस्कृति पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिखता. उत्पीड़न करने का ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है. इस बार पुलिस की ज्यादती किन्नरों पर टूटी है.
हालांकि जब पुलिस ज्यादती के खिलाफ किन्नरों ने प्रदर्शन किया तो एसपी ने मामले को टाल दिया है. इस बार किन्नरों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि महीना न देने पर थानेदार ने एक किन्नर को बुरी तरह मारा-पीटा, उसे धमकी दी. इसकी शिकायत करने पर पुलिस के आला अधिकारी मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं. इस मामले को लेकर जब किन्नरों ने एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन किया, तो एसपी ने यह कहकर मामले को टाल दिया कि दो हिस्ट्रीशीटरों को किन्नरों ने संरक्षण दिया है.
एसपी ने कहा, दोषी पर होगी कार्रवाई
मामला बरदह थाना क्षेत्र का है. एसपी कार्यालय पहुंचे किन्नरों का आरोप है कि वे लोगों से मदद मांगकर किसी तरह दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करते हैं. लेकिन बरदह थानेदार लंबे समय से उनसे महीना मांग रहे हैं. किन्नर राधा ने आरोप लगाया कि थानेदार ने महीना देने से इनकार करने पर उन्हें पकड़कर बुरी तरह मारा-पीटा और धमकी दी. किन्नर राधा के मुताबिक, थानेदार का कहना है कि अगर क्षेत्र में रहना है, तो महीना देना ही पड़ेगा. इस दौरान किन्नर ने पिटाई से लगी चोट भी लोगों को दिखाई.
उन्होंने कहा कि पहले तो थानेदार हमसे महीना मांगते हैं. फिर कहते हैं कि हमारे लिए मुखबिरी करो. मांगकर जिंदगी गुजारने वाले किसी की मुखबिरी कैसे कर सकते हैं. हमारे लिए अपना पेट भरना मुश्किल है, ऐसे में उनको महीना कहां से दें. किन्नरों ने एसपी से शिकायत कर मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि गांव से काफी दूर किन्नर समाज के लोग रहते हैं और यहां पर हिस्ट्रीशीटर दो बदमाशों को उन्होंने पनाह दे रखी है, ऐसी सूचना हमें मिली है. फिर भी हम मामले की जांच करा रहे हैं और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
