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अराजकता स्वीकार नहीं, उपद्रवियों से वसूली के लिए जल्द बनेगा क्लेम ट्रिब्यूनल - सीएम योगी आदित्यनाथ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश को अराजकता स्वीकार नहीं है। यह नया उत्तर प्रदेश है, उपद्रवियों से सख्ती से पेश आएगा। सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले दंगाइयों और उपद्रवियों से वसूली सुनिश्चित की जाएगी। इसे लिए जल्द लखनऊ और मेरठ में शीघ्र ही संपत्ति क्षति दावा अधिकरण गठित किया जाएगा।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ व मेरठ में संपित्त क्षति दावा अधिकरण के गठन की मंजूरी दे दी है। सूबे में किसी राजनीतिक जुलूस, विरोध-प्रदर्शनों अथवा आंदोलन के दौरान यदि सार्वजनिक अथवा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जाएगा तो उसकी क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए दावा अधिकरणों में अपील की जा सकेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वीट कर लखनऊ और मेरठ में संपत्ति क्षति दावा अधिकरण के जल्द गठन की जानकारी दी। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि उत्तर प्रदेश को अराजकता स्वीकार नहीं है। सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले दंगाइयों और उपद्रवियों से वसूली सुनिश्चित की जाएगी।


लखनऊ व मेरठ में संपित्त क्षति दावा अधिकरण के गठन बाद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसात्मक प्रदर्शन के दौरान लोक व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से जल्द क्षतिपूर्ति की वसूली शुरू होगी। दावा अधिकरण के गठन के साथ ही पुलिस ने भी क्षतिपूर्ति के मामलों में अपनी कार्रवाई की तैयारी भी शूरू कर दी है। दावा अधिकरण में दो सदस्य होंगे। दावा अधिकरण के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जिला जज तथा दूसरे सदस्य मंडल में नियुक्त अपर मंडलायुक्त स्तर के अधिकारी होंगे। दावा अधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी, जिसमें अपर मुख्य सचिव गृह व प्रमुख सचिव न्याय सदस्य होंगे।

माना जा रहा है कि अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रकिया जल्द शुरू हो जाएगी। दावा अधिकरण की नियुक्ति पांच वर्ष की अवधि अथवा 65 वर्ष की आयु पूरी करने तक होगी। इसके अलावा दावा आयुक्त व उप दावा आयुक्त की नियुक्ति अपर मुख्य सचिव गृह के स्तर से की जाएगी। उनके स्तर से ही दावा अधिकरण में अन्य कर्मचारियों व विधिक सलाहकार की सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। दावा याचिका को निर्धारित प्रारूप में पेश करना होगा। दावा आयुक्त किसी दावे की प्रति अध्यक्ष तथा दावा अधिकरण के सदस्य को भेजेंगे। बताया गया कि दावा अधिकरण में दावों की सुनवाई के लिए पक्षकारों को नोटिस दी जाएगी। अभिकरण मौखिक सुनवाई, साक्षी की सुनवाई व साक्ष्य का पूरा मौके देते हुए निर्णय सुनायेगा। क्षतिपूर्ति की वसूली की कार्रवाई भू-राजस्व के बकाये के रूप में की जाएगी।


संपित्त क्षति दावा अधिकरण ये होंगे कार्यक्षेत्र

लखनऊ मंडल के दावा अधिकरण के अंतर्गत झांसी, कानपुर, चित्रकूट धाम, लखनऊ, अयोध्या, देवी पाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती व विंध्याचल धाम मंडल की दावा याचिकाएं स्वीकार होंगी।
मेरठ मंडल के दावा अधिकरण के अंतर्गत सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली व आगरा मंडल की याचिकाएं स्वीकार होंगी।


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