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देश के हर ब्लॉक में खुलेंगे अब Gold हॉलमार्किंग केंद्र, लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार यहां करें आवेदन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. देश में अगले साल जून महीने से सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाएगी. मोदी सरकार ने ज्वेलर्स  को पुराना स्टॉक बेचने के लिए 1 साल का वक्त दिया था जिसे बढ़ा कर अब जून 2021 कर दिया गया है. पहले ज्वेलर्स को 15 जनवरी 2021 तक पुराना स्टॉक बेचने का फरमान सुनाया गया था.
देश में अब 14, 18 और 22 कैरेट सोने में हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाएगी. इसके लिए सरकार ने अब तक 234 जिलों में 921 एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग (Assaying & Hallmarking) केन्द्र खोल दिए हैं. जून 2021 तक मोदी सरकार देश के हर जिलों में हॉलमार्किंग सेंटर्स खोलने का खाका तैयार किया है. उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्री रामिविलास पासवान का दावा है कि सरकार अगले कुछ सालों में देश के हर ब्लॉक में हॉलमार्किंग सेंटर खोलेगी. इससे ज्वेलर्स को अब BIS में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके साथ ही जो भी व्यक्ति हॉलमार्किंग सेंटर खोलना चाहते हैं वह www.manakonline.in पर जा कर अप्लाई कर सकते हैं. इससे देश में लाखों लोगों को रोजगार मिल सकता है.

देश के हर ब्लॉक में खुलेंगे हॉलमार्किंग केंद्र
पासवान ने शुक्रवार को ही ज्वेलर्स और शुद्धता जांच सह हॉलमार्किंग केंद्रों के Online Registration के लिए एक नया मॉड्यूल लॉन्च किया था. इसके जरिए ज्वेलरों के पंजीकरण और पंजीकरण के नवीनीकरण की ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत की गई थी. इसी के साथ सोने के जेवरातों की एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग (Hallmarking) केंद्रों की मान्यता और मान्यता के नवीनीकरण लिए भी ऑनलाइन प्रणाली लांच की गई. अब आभूषण कारोबारी ऑनलाइन ही पंजीकरण करवा सकते हैं.
मंत्री ने यह दावा किया
मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन मॉड्यूल्स से ज्वेलर्स और उन उद्यमियों के लिए व्यापार करना सुगम होगा, जिन्होंने हॉलमार्किंग और एसेयिंग केन्द्रों की स्थापना की है या जो इनकी स्थापना करना चाहते हैं. हॉलमार्क की जाने वाली सोने की ज्वैलरी एवं शिल्पवस्तुओं की संख्या में भी बड़ा उछाल आएगा. अनुमानित है कि यह संख्या 5 करोड़ के वर्तमान स्तर से 10 करोड़ तक जा सकती है. इसके लिए एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केन्द्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी की आवश्यकता होगी. वर्तमान में देश के 234 जिलों में 921 एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केन्द्र हैं.

ज्वेलरों की संख्या 5 लाख तक हो जाएगी
पासवान ने कहा है कि सोने की ज्वेलरी और शिल्पवस्तुओं की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के कारण पंजीकरण करवाने के लिए आगे आने वाले ज्वेलरों की संख्या 5 लाख तक जाने की आशा है, जो वर्तमान में लगभग 31000 के स्तर पर है. पंजीकरण के इतने अधिक प्रस्तावों को कुशलतापूर्वक मैनुअली हैंडल कर पाना संभव नहीं था. ऑनलाइन प्रणाली लागू होने के बाद ज्वेलर्स पंजीकरण हेतु आवेदन तथा आवश्यक शुल्क जमा करने की प्रक्रियाएं ऑनलाइन माध्यम से पूरी कर सकेंगे. इससे आवेदन पत्रों की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग वास्तविक समय के आधार पर कर पाना संभव होगा.

ऑनलाइन प्रणाली से ज्वैलरी की हॉलमार्किंग में गड़बड़ी की शिकायतों का शीघ्र निपटान करना सहज होगा. बीआईएस एसेयिंग और हॉलमार्किंग केंद्रों के कार्यप्रवाह के स्वचालन के मोड्यूल पर भी काम कर रहा है, जिसके दिसंबर 20 तक तैयार होने की आशा है.
 
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