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दसवीं की छात्रा के साथ दरिंदगी, रेप के बाद तेजाब से जलाया, सड़क पर उतरे लोग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, भदोही. भदोही में दसवीं की छात्रा के साथ दर्दनाक वारदात को अंजाम दिया गया है। छात्रा को अगवा कर रेप करने के बाद पहचान छिपाने के लिए तेजाब से जला दिया गया। इसके बाद शव को वरुणा नदी में फेंक दिया गया। बुधवार की सुबह छात्रा का शव उतराया मिलने पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में लोग जौनपुर-भदोही मार्ग पर उतर गए। लोगों का आरोप है कि दो दिन पहले छात्रा के लापता होते ही पुलिस को सूचना दी गई थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मौके पर एसपी रामबदन सिंह भी पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की। दोपहर दो बजे तक लोग सड़क पर जुटे रहे और छात्रा का शव वरुणा नदी में ही पड़ा रहा। 
शहर कोतवाली के एक गांव की 16 वर्षीय किशोरी सोमवार की शाम वरुणा किनारे मवेशियों को चराने गई थी। उसके साथ 12 वर्षीय छोटी बहन भी थी। छोटी बहन भोजन करने के लिए घर आई और करीब 20 मिनट बाद लौटी तो बड़ी बहन गायब थी। उसने घर वालों को इसकी जानकारी दी। घर वाले किशोरी की खोजबीन में जुट गए।

देर शाम तक कुछ पता नहीं चला तो रात में ही पुलिस को जानकारी दी गई। पड़ोसी गांव के ईंट भट्टा मालिक पर शक जताया गया। अगले दिन मंगलवार को भी छात्रा का कुछ पता नहीं चलने पर लोगों ने धौरहरा चौकी पर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने आधे घंटे बाद किसी तरह समझाकर सभी को वापस भेजा।

इसी बीच बुधवार की सुबह छात्रा का शव वरुणा नदी में उतराया मिला तो सनसनी फैल गई। छात्रा के शरीर पर केवल पहले से पहनी हुई काले रंग की जिंस पैंट थी। उसका चेहरा और कमर के ऊपर के हिस्से को तेजाब से बुरी तरह जलाया गया था। शव देखने से साफ लग रहा था कि छात्रा के साथ दरिंदगी करने के बाद पहचान छिपाने के लिए जलाया गया और वरुणा नदी में फेंक दिया गया है।

शव देखते ही पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने भदोही-जौनपुर मार्ग पर सिधवन गांव के पास चक्काजाम कर दिया। जाम की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गई। लोगों का गुस्सा बढ़ता देख एसपी रामबदन सिंह और फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची। एसपी किसी तरह लोगों को समझाने की कोशिश में जुटे लेकिन लोग आरोपियों की गिरफ्तारी और लापरवाही पर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। दोपहर दो बजे तक लोगों को समझाने की कोशिश होती रही। छात्रा का शव भी वरुणा नदी में ही पड़ा रहा।

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