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कई महीने बाद वाराणसी के सारनाथ में दिखेगी रौनक, चरणबद्ध तरीके से खुलेंगे स्मारक स्थल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। पांच माह से ज्यादा लंबे इंतजार के बाद सारनाथ पुरातात्विक स्थल पर्यटकों के लिए सोमवार से खुल रहा है। इसके लिए पुरातत्व विभाग की तरफ से रविवार को खंडहर परिसर व मुख्य द्वार की साफ-सफाई करने के साथ आने वाले पर्यटकों को शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए गेट पर गोल घेरा बना लिया गया है। पर्यटक एक रास्ते से घूमते हुए दूसरे रास्ते से बाहर निकलेंगे।
हाल में जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों के साथ पुरातत्व विभाग की बैठक हुई थी। सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन से प्राप्त निर्देशानुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के केंद्रीय संरक्षित स्मारक चरणबद्ध खोले जाएंगे। इसकी शुरुआत सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर स्थल से सोमवार से होगी। इसके बाद बारी-बारी से चौखंडी स्तूप, राजघाट स्थित लाल खां का रौजा एवं मान सिंह की वेदशाला और संग्रहालय पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। पुरातात्विक खंडहर परिसर में पर्यटकों को सुबह 10 से शाम 5 बजे तक सिर्फ ई-टिकट द्वारा ही प्रवेश मिलेगा। बिना मास्क किसी भी पर्यटक को स्मारक परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पूरे परिसर अच्छी तरह सैनिटाइज किया गया है। शारीरिक दूरी के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा। स्मारक के प्रवेश द्वार पर हैंड सैनिटाइजेशन एवं थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था होगी।

नाविक अभी उबर भी नहीं पाए थे कि अब बाढ़ ने नई परेशानी
मां गंगा अब धीरे-धीरे घाटों की सीढि़यां चढने लगी हैं। काशी के 70 से अधिक घाटों का संपर्क एक दूसरे से टूट चुका है। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण गंगा में छोटी नौकाओं का संचालन बंद कर दिया गया है। वहीं वरुणा के तटीय इलाकों में रहने वालों को भी अब बाढ़ का खतरा सताने लगा है। पानी भरने से वहां पर जीवन बसर करने वाले सैकड़ों की संख्या में साधु, तीर्थ पुरोहितों ने अपना स्थान बदल दिया है। गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा का जलस्तर बढ़ गया है और तटवर्ती इलाकों में रहने वालों की धुकधुकी बढ़ गई है। गंगा में उफान के चलते नाविक भी परेशान हैं। लॉकडाउन की मार से नाविक अभी उबर भी नहीं पाए थे कि अब बाढ़ ने नई परेशानी खड़ी कर दी है।

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