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CM योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'फिल्म सिटी' का विस्तृत प्रस्ताव 10 दिन में

गाजीपुर न्यूज़ टीम, ग्रेटर नोएडा. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र (यीडा सिटी) में फिल्म सिटी बनाने के लिए कवायद तेज हो गई है। रविवार को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी व मुख्यमंत्री के ओएसडी संजीव सिंह ने फिल्म सिटी की साइट का दौरा किया। प्रस्तावित फिल्म सिटी के सेक्टर की लोकेशन देखी और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। यीडा सिटी में बनने वाली फिल्म सिटी का नाम इंफोटेनमेंट सिटी होगा। फिल्म सिटी का विस्तृत प्रस्ताव यमुना प्राधिकरण अगले 10 दिनों में शासन को भेजेगा। साथ ही डीपीआर बनवाने के लिए सलाहकार एजेंसी का चयन कर लिया गया है।

अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और रविवार सुबह करीब पौने नौ बजे यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 पहुंचे। प्राधिकरण की ओर से सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह और ओएसडी शैलेंद्र भाटिया मौके पहुंच गए। अधिकारियों ने फिल्म सिटी की साइट का मौका मुआयना किया। अवनीश अवस्थी ने सेक्टर-21 की लोकेशन को बेहतर माना।


अवस्थी ने कहा कि फिल्म सिटी की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनवाई जाए। फिल्म सिटी यमुना प्राधिकरण को ही बनानी है, इसलिए वह डीपीआर पर काम करें। हालांकि, शासन स्तर पर एक सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सीईओ ने बताया कि डीपीआर बनाने के लिए अर्नेस्ट एंड यंग एजेंसी को सलाहकार नियुक्त किया गया है। यह एजेंसी डीपीआर बनाएगी।


फिल्म सिटी से संबंधित सारे काम होंगे

सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि शासन ने इस फिल्म सिटी का नाम इंफोटेनमेंट सिटी रखा है ताकि फिल्मों के अलावा इससे जुड़े अन्य काम भी हो सकें। इसमें सीरियल से लेकर फिल्म तक की शूटिंग होगी। इसके सारे इंतजाम किए जाएंगे। यह सिटी एक हजार एकड़ में बसाई जाएगी।


नितिन देसाई के सुझाव भी शामिल होंगे

डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण आगामी 10 दिनों में सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेज देगा। प्रस्ताव बनाते समय प्रदेश सरकार की फिल्म नीति को ध्यान में रखा जाएगा। इसके अलावा फिल्मकारों की तरफ से फिल्म निर्माता-निर्देशक नितिन देसाई इंफोटेनमेंट सिटी का प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। कुछ बिंदु उन्होंने भेजे हैं। उन्होंने स्टूडियो, विशेष स्टूडियो, शूटिंग की विभिन्न जरूरतों को बताया है। प्रस्ताव में इन बिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा।


फिल्म सिटी बसाने के लिए तीन विकल्प

1. इंफोटेनमेंट सिटी बसाने के लिए तीन विकल्पों पर विचार हो रहा है। पहला पीपीपी मॉडल है। इसमें किसी कंपनी से करार होगा। जमीन सरकार देगी और विकास का काम कंपनी का होगा।

2. दूसरा विकल्प यह है कि सरकार सब्सिडी दे और यमुना प्राधिकरण विकास करे।

3. तीसरा विकल्प यह है कि यमुना प्राधिकरण इस सिटी को खुद विकसित करे और भूखंड बेचे।


इंफोटेनमेंट सिटी

सीरियल और फिल्मों की शूटिंग के स्टूडियो और विशेष स्टूडियो, एनीमेशन, वेब सीरीज, कार्टून फिल्म, डाक्यूमेंट्री, डिजिटल मीडिया आदि के लिए सभी जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी इसीलिए इसका नाम इंफोटेनमेंट सिटी रखा गया है।


इनका निर्माण होगा

फिल्म प्रोडक्शन, स्टूडियो, आउटडोर लोकेशन, स्पेशल इफेक्ट स्टूडियो, होटल, क्लब हाउस, गांव, वर्कशॉप, टूरिस्ट एंड इंटरटेनमेंट, फिल्म यूर्निवसिटी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, फूड कोर्ट, एम्यूजमेंट पार्क, कन्वेंशन सेंटर, म्यूजियम, कॉमन पार्किंग।

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