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प्राइवेट ट्रेन खुद तय करेंगी अपना किराया, केंद्र सरकार देगी पूरी छूट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. देश में प्राइवेट ट्रेन शुरू होने के बाद सरकार उनको आपरेट करने वाली कंपनियों को किराया तय करने की छूट देने जा रही है. भारतीय रेल बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि प्राइवेट कंपनियों को अपनी तरह से किराया तय करने की छूट होगी. हालांकि उन रूट पर अगर एसी बसें और प्लेन की भी सुविधा है तो किराया तय करने के पहले कंपनियों को इस बात का ध्यान रखना होगा. 

आपको बता दें कि भारत ने इस परियोजना में रुचि रखने वाली कंपनियों को जुलाई में 151 ट्रेनों के माध्यम से 109 ओरिजिन डेस्टिनेशनल पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिए अपनी इच्छा जाहिर करने को था. नई दिल्ली और मुंबई सहित रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने के लिए भी निवेशकों की रुचि मांगी है.


ये कंपनियां चाहती हैं देश में ट्रेन चलाना- विनोद कुमार यादव ने बताया कि एल्सटॉम, बॉम्बार्डियर इंक, जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने इन परियोजनाओं में इच्छा दिखाई है. भारत के रेल मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, ये परियोजनाएं अगले 5 साल में 7.5 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश ला सकती हैं.

2023 तक देश की पहली बुलेट ट्रेन बनाने के लिए जापान से कम लागत के लोन पर दांव लगा रहे मोदी के लिए रेलवे का आधुनिकीकरण करना महत्वपूर्ण है. सरकार ने यात्री ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं.

ट्रेनों का किराया है बड़ा मुद्दा- ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्षों से चली आ रही लापरवाही और इनएफिसिएंट ब्यूरोक्रेसी की वजह के चलते मोदी सरकार ने निजी कंपनियों को स्टेशनों के आधुनिकीकरण से लेकर ट्रेनों परिचालन ट्रेनों तक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. आपको बता दें कि भारत में रेलवे का किराया राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा रहा है. भारत में हर दिन ऑस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर यात्री ट्रेनों से यात्रा करते हैं. देश के गरीबों का बड़ा हिस्सा परिवहन के लिए रेलवे के व्यापक नेटवर्क पर निर्भर करता है.

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