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वाहनों में नई तकनीक के डिवाइस लगाना अनिवार्य, स्टेपनी का झंझट भी समाप्त

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. केंद्र सरकार वाहन संरक्षा के नए अंतरराष्ट्रीय मानकों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके तहत आगामी अक्तूबर से वाहनों में टायर प्रेशर मानिटरिंग सिस्टम समेत अन्य नए डिवाइस लगाने के नए नियम लागू हो जाएंगे। वाहनों में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, स्पीड अलर्ट, ग्लेजिंग ग्लास, रिवर्स पार्किंग सिस्टम आदि तकनीक को जल्द ही लागू किया जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जुलाई महीने में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (टीपीएमएस) संबंधी मसौदा अधिसूचना जारी कर दी है। हितधारकों के सुझाव व आपत्ति प्राप्त हो गए हैं और अक्तूबर तक इसके लागू होने की संभावना है। लंबी दूरी के सड़क यात्रियों के लिए यह रक्षा कवच साबित होगा। कार में लगा डिवाइस टायर में हवा के प्रेशर के बढ़ने अथवा कम होने पर बीप के साथ ड्राइवर को अलर्ट करेगा।

ग्लेजिंग ग्लास का प्रावधान
गर्मी के मौसम में कार में पर्याप्त कूलिंग बनाए रखने के लिए सेफ्टी ग्लेजिंग ग्लास का प्रावधान किया गया है। यह नियम एक अक्तूबर माह से लागू होगा। इससे कार का सफर अधिक सुरक्षित और अरामदेह होगा। नए नियम में कार में पंचर रिपेयर किट का प्रावधान किया गया है। सरकार का कहना है कि नई व्यवस्था में कार में स्टेपनी (अतिरिक्त टायर) रखने का झंझट समाप्त होगा। यह नियम भी जल्द ही लागू किया जाएगा।

रिवर्स पार्किंग डिवाइस लगेगी
वाहनों में रिवर्स पार्किंग डिवाइस लगाने की योजना है। इसमें गाड़ी बैक करते समय किसी वस्तु अथवा व्यक्ति के होने की सूचना ड्राइवर को डिवाइस के जरिये मिल जाएगी। एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम में तेज रफ्तार में वाहन के फिसलने-पलटने का खतरा कम हो जाता है। ओवर स्पीड के लिए अलर्ट सिस्टम भी लगाया जा रहा है।

बीएस-4 से बीएस-6 पर छलांग की तैयारी
भारत की कोशिश उत्सर्जन संबंधी बीएस-4 मानक से छलांग लगाकर सीधे बीएस-6 मानकों को अपनाने की है ताकि यूरोपीय मानकों के साथ बराबरी हासिल की जा सके। नई तकनीकी के समावेश से भारतीय मोटर वाहन उद्योग यूरोप के अलावा जापान और अमेरिका की बराबरी करेगा।

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