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गाजीपुर: तैयारियां पूरी, जीवित्पुत्रिका व्रत आज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. पुत्र कल्याण की कामना से माताओं द्वारा रखा जाने वाला जीवित्पुत्रिका व्रत गुरुवार को रखा जाएगा। 24 घंटे तक अखंड निर्जल रहकर रखे जाने वाले इस व्रत की तैयारियां व्रती महिलाओं ने पूरी कर ली है। इसके खरीदारी के लिए बुधवार को बाजारों में काफी भीड़-भाड़ रही। कपड़े, फलों आदि की खूब बिक्री हुई। सब्जी मंडी में सरपुतिया की मांग सबसे अधिक रही।

भारतीय पारिवारिक व्यवस्था में मां का स्थान सर्वोच्च है। ममता, दया, त्याग, स्नेह की प्रतिमूíत मां अपनी संतान के पालन-पोषण और कल्याण के लिए जितने यत्न करती है, वह अतुलनीय है। इन्हीं यत्नों में अपने पुत्र के कल्याण एवं दीर्घजीवी होने की कामना लेकर माताओं द्वारा किया जाने वाला यह कठिन व्रत भी शामिल है। इस दिन माताएं विशेषकर पुत्रों के दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं जिस प्रकार पति की कुशलता के लिए निर्जला व्रत तीज रखा जाता है, ठीक वैसे ही जीवित्पुत्रिका व्रत निर्जला रहा जाता है। 


इसे लेकर बाजार में चहल-पहल देखी गई। महिलाएं कपड़े, फल, श्रृंगार एवं जिउतिया के सामनों की खरीदारी कर रही है। सैदपुर : नगर में जगह-जगह फुटपाथ पर छोटे-छोटे तख्त पर रखकर जियुतिया की बिक्री हुई। नगर में सुबह से ही ग्राहक आना शुरू कर दिए। कपड़ा व फल की दुकानों पर काफी भीड़ रही। किराना की दुकान पर भी पूजन सामग्री खरीदने वालों की भीड़ रही। सिधौना : स्थानीय बाजार से लेकर खानपुर, बिहारीगंज, औड़िहार आदि बाजारों में महिलाओं की काफी भीड़ रहीं। सबसे ज्यादा भीड़ फलों के दुकानों पर देखने को मिली। वहीं रेवड़ी तथा माला आदि की दुकानें भी सजी रही। सर्राफा के दुकानों पर भी महिलाएं खरीदारी करती दिखी। जीवित्पुत्रिका त्रिका व्रत को लेकर क्षेत्र के मंदिरों, घाटों पर साफ सफाई हो रहा है।

बच्चों की सुख शांति के लिए रखा जाता है व्रत
जखनियां : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिउतिया के व्रत में ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को रखती हैं उनके बच्चों के जीवन में सुख शांति बनी रहती है और उन्हें संतान वियोग नहीं सहना पड़ता है। इस व्रत को निर्जला रखा जाता है। बिहार, बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह त्योहार खास तौर पर मनाया जाता है।


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