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गोरखनाथ मंदिर में आतंकवादी घुसने की सूचना, डेढ़ घंटे हुई तलाशी नहीं मिला कोई संदिग्‍ध

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर। गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में आतंकवादी घुसने की सूचना पर गोरखपुर में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे एसपी सिटी और सीओ गोरखनाथ ने करीब डेढ़ घंटे तक डॉग और बम स्‍क्‍वाड से पूरे परिसर की तलाशी करवाई लेकिन कोई संदिग्‍ध नहीं मिला। सूचना गलत निकलने पर अधिकारियों ने रात की सांस ली। पुलिस अब कंट्रोल रूम में फोन करने वाले युवक की जांच पड़ताल कर रही है। युवक के परिवारीजनों ने उसे मानसिक रोगी बताया है। वह बांसगांव क्षेत्र का रहने वाला है।
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की रात दस बजे के करीब किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके गोरखनाथ मंदिर में आतंकवादी घुसने की सूचना दी। फोन करने वाले ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर में आतंकवादी घुस गया है। उसे पकड़ लें। फोन रिसीव करने वाले ऑपरेटर ने नाम-पता पूछा तो उस शख्‍स ने फोन काट दिया। ऑपरेटर ने तत्‍काल इसकी सूचना कंट्रोल रूम प्रभारी को दी।

कंट्रोल रूम प्रभारी ने बिना कोई देरी किए पुलिस अधिकारियों और गोरखनाथ के एसओ को सूचित किया। सूचना मिलते ही एसपी सिटी डॉ. कौस्‍तुभ, गोरखनाथ सर्किल के सीओ रत्‍नेश सिंह फोर्स के साथ मंदिर पहुंचे। डॉग और बम स्‍क्‍वाड के साथ करीब डेढ़ घंटे तक पूरे मंदिर परिसर की सघन तलाशी ली गई। परिसर के बाहर घूम रहे लोगों से भी पूछताछ की गई। लेकिन कोई संदिग्‍ध व्‍यक्ति या सामान नहीं मिला।

पुलिस ने मंदिर परिसर के सारे सीसी कैमरे चेक किए लेकिन शाम के बाद से परिसर में कोई अनजान व्‍यक्ति आते-जाते नहीं दिखा। इसके बाद कंट्रोल रूम में फोन करने वाले शख्‍स की छानबीन की गई। सर्विलांस से पता चला कि वह शख्‍स बांसगांव के बेदौली बाबू गांव का शिवेंद्र प्रताप सिंह है। उसी ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर गोरखनाथ मंदिर में आतंकवादी घुसने की सूचना दी थी। पुलिस तुरंत उसके घर पहुंची। घर पर शिवेंद्र नहीं मिला। उसके पिता सुनील सिंह ने बताया कि शिवेन्‍द्र मानसिक रोगी है। पिछले 10 वर्षों से केजीएमयू लखनऊ से उसका इलाज चल रहा है। पुलिस उनके दावे की भी जांच कर रही है। सीओ रत्‍नेश सिंह ने बताया कि शिवेन्‍द्र का इलाज करने वाले डॉक्‍टर से बात की गई है। अन्‍य डॉक्‍टरों को भी उसका पर्चा दिखाया गया है। 

 
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