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वायरल ऑडियो-वीडियो खोल रहे भ्रष्ट पुलिस अफसरों की पोल; एक्शन में योगी सरकार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. एक वक्त था, जब दबी जुबान से लोग कई पुलिस अधिकारियों के भ्रष्टाचार की बात तो करते थे लेकिन, उनके पास इसका ठोस आधार नहीं होता था। इन दिनों वायरल ऑडियो-वीडियो ने ऐसे पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की कलई खोलकर रख दी है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार का है। कबरई के क्रशर व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी के वायरल वीडियो ने सब कुछ सामने ला दिया है। हालांकि, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी जीरो टॉलरेंस दिखाते हुए आरोपित अफसरों पर कार्रवाई कर कड़ा संदेश देने की कोशिश की है।
इन दिनों पुलिस खुद ही जांच के घेरे में है। ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर वसूली के खेल सोशल मीडिया के जरिए सामने आ रहे हैं। बीते दिनों तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने एक गोपनीय पत्र लिखकर पांच आइपीएस अधिकारियों डॉ. अजय पाल शर्मा, हिमांशु कुमार, सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण मिश्रा व गणेश शाहा पर ट्रांसफर-पोस्टिंग में मलाई काटने से लेकर अन्य संगीन आरोप लगाए थे। अफसरों की बातचीत की कई ऑडियो क्लिप भी सौंपी थीं। शासन ने तत्कालीन डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में एसआइटी गठित करते हुए सभी को उनके पदों से हटा दिया था।

विजिलेंस जांच में आइपीएस डॉ. अजय पाल और हिमांशु कुमार दोषी भी पाए गए हैं। उन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। एक आपित्तजनक वीडियो वायरल होने पर वैभव कृष्ण को भी निलंबित किया गया था। बीते माह ही पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी के बहुचर्चित मामले में डीआइजी दिनेश चंद्र दुबे व अरविंद सेन निलंबित किए गए थे। अरविंद सेन के कार्यालय में ही पीड़ित व्यवसायी को धमकाने की बात सामने आई थी। प्रयागराज के निलंबित एसपी अभिषेक दीक्षित भी भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों से घिरे हैं। आइपीएस डॉ. सतीश कुमार, एन कोलांची व अतुल शर्मा भी भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किए गए थे।

आइपीएस का गैरजमानती वारंट लेगी पुलिस : पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी में आरोपित आइपीएस अरविंद सेन के खिलाफ पुलिस गैरजमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) लेगी। प्रकरण की विवेचक एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने आरोपित सिपाही दिलबहार व उमेश मिश्र समेत तीन के खिलाफ एनबीडब्ल्यू लेने के लिए गुरुवार को कोर्ट में अर्जी दी है। पुलिस जल्द चार्जशीट लगाने की भी तैयारी में है। 

आते रहे हैं ऐसे मामले : झांसी में तैनात इंस्पेक्टर सुनीत कुमार सिंह का एक अपराधी से वांछित के इनकाउंटर को लेकर डीलिंग का ऑडियो वायरल होने पर उसे बर्खास्त किया गया था। बाराबंकी में पुलिस वसूली के रेट बताता सिपाही का वीडियो वायरल होने पर एसपी को हटाया गया था।

बख्शे नहीं जाएंगे भ्रष्ट पुलिसकर्मी : उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी भ्रष्टाचार को मामलों पर बेहद गंभीर हैं। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार के छोटे से छोटे मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है। जांच में दोषी किसी भी भ्रष्ट पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा और न ही ऐसे मामले बर्दाश्त किए जाएंगे।

भ्रष्टाचार के मामले आइपीएस संवर्ग के लिए शर्मनाक : पूर्व डीजीपी एके जैन का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामले पूरे आइपीएस संवर्ग के लिए शर्मनाक हैं। भ्रष्ट अफसरों को बर्खास्त करना चाहिए। महोबा के निलंबित एसपी ने पहली ही पोस्टिंग में जो आचरण दिखाया है, उस पर बेहद कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि शासन को नए आइपीएस अधिकारियों के आचरण और चाल-ढाल पर नजर रखनी चाहिए। खुलेआम डकैती डाल रहे अफसरों को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
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